1984 के सिख दंगा पीड़ितों को पांच लाख का मुआवजा देगी मोदी सरकार

केंद्र सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख का मुआवज़ा देने का फ़ैसला किया है। इन दंगों में सरकारी आंकड़े के मुताबिक 3,325 लोग मारे गए थे।

नरेंद्र मोदी सरकार ने 31 अक्टूबर 1984 को सिख अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में फैले सिख विरोधी दंगों की 30वीं बरसी से ठीक एक दिन पहले इस बड़े फैसले का ऐलान किया है।

वैसे मनमोहन सरकार ने भी 2006 में 1984 दंगे के पीड़ितों के लिए 717 करोड़ रुपये के मुआवज़े का एलान किया था। इनमें से 200 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पाए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी बयान के अनुसार, ‘गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सांप्रदायिक, आतंकवादी या नक्सली हिंसा का शिकार हुए लोगों को मुआवजे की राशि तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

हालांकि ये मुआवज़ा 2008 के बाद मारे गए लोगों के परिवारवालों को मिलेगा और जिन्हें राज्य सरकारों से मुआवज़ा मिल चुका है, उन्हें भी ये मुआवज़ा मिलेगा।

दिल्ली पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 84 की हिंसा के मुआवज़े का स्वागत करते हुए कहा है कि उनकी सरकार ने एसआईटी बनाने का फैसला किया था, जिसे नोटिफाई किया जाना चाहिए ताकि इंसाफ़ का तक़ाज़ा पूरा हो।