उधर, रुपये में इस गिरावट का असर शेयर बाजार में भी देखा गया। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, वहीं
निफ्टी भी 170 अंक की गिरावट पर कारोबार कर रहा है। सोने के दाम में भी रेकॉर्ड तेजी देखने को मिली है। इसके साथ ही 10 ग्राम सोने की कीमत 34 हजार हो गई है। रिपोर्ट है कि अगले महीने से डीजल की कीमत प्रति लीटर 4 रुपये और सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर की कीमत 10 रुपये बढ़ सकती है। बाजार पर चिदंबरम की घोषणाओं का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।
दरअसल, संसद में अर्थव्यवस्था पर चर्चा के दौरान वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि भारतीय मुद्रा की दर ज्यादा नीचे हो गई है और उम्मीद है कि यह फिर से अपना स्तर प्राप्त कर लेगी। उन्होंने कहा कि देश खाद्य सुरक्षा बिल का खर्च वहन करने को तैयार है। चिदंबरम ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि रुपया अपनी वास्तविक दर से नीचे चला गया है। पर उन्होंने विश्वास जताया कि रुपया अपने उचित स्तर को फिर से प्राप्त कर लेगा।
आज इस तरह रुपये में गिरावट का कारण लोकसभा में खाद्य सुरक्षा विधेयक के पास होने को भी माना जा रहा है। इससे फिस्कल डेफिसिट और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। रुपये की इस गिरावट के पीछे विदेशी निवेशकों का शेयर बाजार से पैसा निकालना भी एक बड़ी वजह के रूप में देखा जा रहा है। इससे देश के चालू खाता घाटे में वृद्धि हो रही है।
दरअसल, अर्थव्यवस्था के लिए इन तमाम नकारात्मक संकेतों पर सरकार खुलकर नहीं बोल रही है, लेकिन उनके इशारे यही बयाँ कर रहे हैं कि अब स्थिति उसके काबू में भी नहीं है।