सार्क की प्रक्रिया के मुताबिक अगर कोई भी सदस्य देश सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेता तो सम्मेलन स्वत: ही या तो रद हो जाएगा या फिर उसकी तारीख आगे बढ़ा दी जाएगी।
नई दिल्ली। भारत, अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश की तरफ से सार्क का बहिष्कार होने से यह लगभग तय हो गया है कि नवंबर, 2016 में इसलामाबाद में होने वाली दक्षिण एशियाई देशों के प्रमुखों की यह बैठक अब नहीं होगी। इसकी आधिकारिक घोषणा सार्क के मौजूदा अध्यक्ष राष्ट्र नेपाल की तरफ से जल्द की जाएगी। भारत इस कोशिश में है कि इसलामाबाद बैठक के रद्द होने के साथ ही सार्क प्रमुखों की अगली बैठक कहां हो, यह भी तय हो जाए।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इसलामाबाद में सार्क बैठक होने का अब सवाल नहीं है। नेपाल की मीडिया ने भी आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि जल्द ही सार्क बैठक के रद्द होने की घोषणा की जाएगी। नेपाल के विदेश मंत्री और सार्क के महासचिव अभी देश से बाहर हैं। उनके काठमांडू लौटने पर ऐलान किया जाएगा। उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी संकेत दे दिए हैं कि सार्क बैठक का होना मुश्किल है। हालांकि पाकिस्तान ने यह भी उम्मीद जताई है कि अगली बैठक इसलामाबाद में ही होगी।
सार्क बैठक का रद्द होना उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग थलग करने की कोशिशों में जुटे भारत को मिली पहली सफलता है। भारत ने मंगलवार को ही नेपाल को पत्र लिख कर बता दिया था कि उड़ी हमले के बाद बने माहौल में उसके लिए सार्क बैठक में हिस्सा लेना नामुमकिन है। अब सार्क के तीन अन्य सदस्य देश अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश ने भी इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है।