तेंदुलकर ने फिर साबित किया कि वह क्यों महान बल्लेबाज माने जाते हैं। मुंबई को चौथे और आखिरी दिन जीत के लिये 39 रन की जरूरत थी जबकि उसके चार विकेट शेष थे। तेंदुलकर ने 175 गेंद में नाबाद 79 रन बनाये। रणजी ट्राफी के इतिहास में यह सबसे चर्चित मुकाबलों में से एक था।
इस दौरान तेंदुलकर ने कुछ आकषर्क शॉट खेले।पूरे मैच में मैदान पर ‘सचिन, सचिन’ के नारे गूंजते रहे और इस महान बल्लेबाज ने अपना 115वां प्रथम श्रेणी अर्धशतक जड़कर अपने प्रशसंकों को निराश नहीं किया।
तेंदुलकर ने अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी विदाई श्रृंखला की तैयारी के लिये यह मैच खेला। तेंदुलकर मुंबई में 14 नवंबर से शुरू हो रहे अपने 200वें टेस्ट के बाद क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
मैच के बाद तेंदुलकर ने कहा, ‘ये चैलेंजिंग विकेट था और गेंदबाजों की मददगार पिच थी। इस विकेट पर बल्लेबाजी करने में मजा आया। आउटफील्ड भी काफी धीमी थी। भले ही लक्ष्य 240 का था लेकिन ये 280 से कम नहीं था इस विकेट पर। मुझे ऐसी ही एक आउटिंग की जरूरत थी।
उन्होंने कहा क्रिकेट के बारे में बात करना और एक दूसरे को जानने में बहुत मजा आया। वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज अच्छी होगी। मुझे इस सीरीज का इंतजार है और आशा करता हूं कि हम लोगों की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे। मैं हरियाणा क्रिकेट असोसिएशन को धन्यवाद बोलना चाहता हूं। सुरक्षाकर्मियों ने बहुत अच्छा का किया. लाहरी के लोगों को धन्यवाद। मेरे लिए ये मैच यादगार बनाने के लिए सभी को धन्यवाद।