मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर ने स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण पर अपनी चुप्पी तोड़ने हुए कहा कि पिछले स्पॉट फिक्सिंग हुई घटनाएं हैरानी भरी और निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि लाखों प्रशंसकों के इस खेल पर भरोसे को बरकरार रखना चाहिए।
सचिन ने कहा कि इस मुद्दे की जड़ तक जाने के लिए अधिकारियों को गंभीर कदम उठाने चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि खेल की विश्वसनीयता बरकार रहे। मुंबई इंडियंस ने हाल में प्च्स् खिताब अपने नाम किया है। अपनी टीम के प्च्स् ट्राफी जीतने के बाद सचिन ने इस T-20 लीब से संन्यास ले लिया है।
इस चैंपियन बल्लेबाज ने कहा कि
बतौर क्रिकेटर उन्होंने हमेशा क्रिकेट को सही खेल भावना में खेलना ही सीखा है। सचिन ने कहा कि जब क्रिकेट गलत कारणों से खबरों में होता है तो मुझे बहुत दुख होता है। पिछले दो हफ्ते का घटनाक्रम चैंकाने वाला और निराशाजन रहा है। बतौर क्रिकेटर हमें हमेशा सिखाया जाता है कि मैदान पर जाओ, कड़ी मेहनत करो और अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाओं तथा खेल को सही खेल भावना से खेलो।
सचनि ने कहा कि महत्वपूर्ण चीज यही थी कि अधिकारियों कसे इस समस्या की जड़ तक जाना चाहिए। इस महान खिलाड़ी ने कहा कि इस मुश्किल दौर में मैं देश के मैदानों में खेलने वाले लड़कों से लेकर क्लब, राज्य और देश का प्रतिनिधित्व करने वाले उस प्रत्येक क्रिकेटर के साथ हूँ जो अधिकारियों पर भरोसा करते हैं कि वे इस मुद्दे की जड़ तक पहुँचने के लिए गंभीर कदम उठाएंगे।
उनका यह भी कहना है कि सभी खिलाडि़यों को लाखों खेल प्रेमियों के भरोसे को बनाए रखना चाहिए और हमें उनके लिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय क्रिकेट उनके लिए गर्व और खुशी बना रहे। स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण पर सचिन का बयान काफी अहमियत रखता है क्योंकि किसी भी मौजूदा भारतीय क्रिकेटर ने दो सप्ताह पहले शुरू हुए इस स्कैंडल पर कुछ भी बयान नहीं दिया है।
भारतीय टीम के कप्तान महेंन्द्र सिंह धौनी ने इस स्कैंडल पर बोलने से लगातार इन्कार किया है। जाहिर तौर पर BCCI ने उन्हें इस पर बात करने के लिए मना किया हुआ है। यही नहीं पूर्व क्रिकेटर भी इस पर बोलने से कतरा रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में क्रिकेट बोर्ड और राज्य इकाईयों के काफी अधिकारी खुले तौर पर BCCI अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के पद पर बने रहने का विरोध दर्ज करा चुके हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या और खिलाड़ी भी सचिन के बयान से प्रेरित होकर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे।