19 जुलाई से उनके मुकदमे की सुनवाई शुरू हो जाएगी। सलमान खान ने 28 सितंबर, 2002 को अपनी लैंड क्रूजर कार से मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में फुटपाथ पर सो रहे पांच लोगों को कुचल दिया था। इनमें एक की मौत हो गई थी, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हुए थे।
जनवरी 2013 में बांद्रा की महानगरीय अदालत ने इस मामले में सलमान पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलाने के आदेश दिए थे, लेकिन सलमान ने निचली अदालत के इस फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। सोमवार को सत्र न्याधीश यूबी हजीब ने सलमान की अपील खारिज करते हुए महानगरीय मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुहर लगा दी।
हालांकिए मामले में नया मोड़ लाते हुए बांद्रा के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 17 गवाहों के बयान सुनने के बाद उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा-304ए के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलाने का फैसला किया था। यदि सलमान खान आगे भी इस मामले में दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 10 वर्ष के लिए जेल जाना पड़ सकता है।
गैर इरादतन हत्या के गंभीर आरोप ;आईपीसी की धारा 304 भाग 2द्ध लगाने के खिलाफ दलील देते हुए उनके वकील अशोक मुंदारगी ने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश ‘त्रुटिपूर्ण, कानूनन गलत और रिकार्ड में दर्ज सबूतों के विपरीत’ था।