कानपुर। 15 अगस्त आने में अभी चार दिन बाकी है, मगर बधाई देने की होड़ राजनीतिक पार्टियो के बीच मच गयी, इसी बधाई की कड़ी में कानपुर के कई चौराहों पर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई के लिए कई होर्डिंग लगा रखा है, मगर उस होर्डिंग पर स्वतंत्रता दिवस के बजाय गणतंत्रता दिवस की बधाई दे डाली, जो लोगों के लिए शर्म के साथ मजाक बन गया है।
कानपुर के कुछ चौराहों पर लगी बधाई सन्देश की इस होर्डिंग को देख बुद्धजीवी जहा शर्म महसूस कर रहे है। वही कुछ तबको के लिए ये मजाक का केंद्र बना हुआ है, लोगो को समझ में नहीं आ रहा की इसे उन नेताओं की भूल माने या जानबूझ कर की गयी गलती, जिन्हें स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्रता दिवस में फर्क नहीं पता।
स्थानीय नागरिक शैलेस की माने तो चौराहों पर लगी होर्डिंग पर आते-जाते सभी की निगाहें पड़ती हैं, वो चाहे बच्चे होए युवा हो या बुजुर्ग, सभी की निगाहें पड़ ही जाती है, एसे में इस होर्डिंग पर लिखा गणतंत्रता दिवस बच्चो में भ्रम पैदा करेगा, कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है या गणतंत्रता दिवस के रूप में, इससे जाहिर होता है कि समाजवादी पार्टी में नेता कितने पढ़े लिखे है।
उधर दुसरे स्थानीय नागरिक अजय मिश्रा के अनुसार ये उन नेताओं की भारी भूल है जो अपने आकाओं को खुश करने के चक्कर में वो कर जाते है, जो पार्टी के लिए मजाक बन जाता है। वैसे भी समाजवादी पार्टी के नेताओं को देश से कुछ लेना देना तो है नहीं, फिर वो 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाये या गणतंत्रता दिवस के रूप में उन्हें क्या फर्क पड़ता है।
उधर भाजपा के नगर अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी की माने तो, छोटे स्तर के नेताओ में अपने आकाओं को खुश करने की होड़ मची रहती है। वो बस ये दिखाना चाहते है कि हमने बधाई सन्देश की होर्डिंग शहर में लगा दी है, मगर उन्हें इससे कोई मतलब नहीं कि वो जो कर रहे है उससे पार्टी की छवि पर क्या असर करेगा। वैसे भी सपा की छवि देश में कैसी बनी हुई हैए ये किसी से छुपा नहीं है।
जब हमने इस भूल पर सपा के प्रौधोगिकी मंत्री रामाश्रेय कुशवाहा से बात की, तो उन्होंने इस होर्डिंग के बारे में अनिभिज्ञता जाहिर की, और कहा कि हम इसको दिखवाएंगे, अगर गलती पायी गयी तो उन लोगो पर कार्यवाही की जायेगी, जिन्होंने ये होर्डिंग लगवाई है।