मुंबई में 1993 में सिलसिलेवार बम धमाकों से जुड़े मामले में दोषी ठहराए गए संजय दत्त को आगे की सजा भुगतने के लिए जेल जाना पड़ेगा। मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने दत्त को सरेंडर करने के लिए और मोहलत देने से इनकार कर दिया। एक फिल्म प्रड्यूसर ने दत्त के साथ अपनी फिल्म की शूटिंग पूरी करने के लिए थोड़ी और मोहलत दिए जाने की मांग से जुड़ी याचिका दाखिल की थी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। दत्त के समर्पण के लिए कोर्ट द्वारा तय समय सीमा 16 मई को समाप्त हो रही है।
मंगलवार को ’वसूली’ और ’पुलिसगीरी’ फिल्म बनाने वाली कंपनी स्टार वर्ल्ड इंटरटेनमेंट लिमिटेड की ओर से दत्त का समर्पण समय बढ़ाने के लिए कोर्ट से प्रार्थना की गई। फिल्म निर्माता कंपनी के वकील अमित सिब्बल ने न्यायमूर्ति बीएस चैहान व न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ से दत्त के समर्पण का समय बढ़ाने की अनुरोध किया। सिब्बल ने कहा कि वसूली और पुलिसगीरी फिल्मों में संजय दत्त अभिनेता है। ये फिल्में अभी पूरी नहीं हुई है। अगर दत्त जेल चले गए तो फिल्में अधूरी रह जाएंगी और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। लेकिन पीठ ने उनकी एक न सुनी और दत्त के समर्पण का समय बढ़ाने से साफ मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में 1993 में हुए श्रृंखलाबद्ध धमाकों में अवैध हथियार रखने के जुर्म में संजय दत्त को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने टाडा अदालत द्वारा संजय दत्त को दी गई छह साल की कैद में एक साल की सजा घटा दी थी। 21 मार्च को दिए गए फैसले में कोर्ट ने दत्त को आगे की सजा भुगतने के लिए चार सप्ताह में समर्पण करने का आदेश दिया था। गत 18 अप्रैल को दत्त के अनुरोध पर कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह का समय और दे दिया था जो कि 16 मई को समाप्त हो रहा है।
संजय दत्त कल मुंबई के स्पेशल कोर्ट में ही सरेंडर करेंगे। उन्होंने यरवदा जेल में सरेंडर करने की अर्जी वापस ले ली है। गौरतलब है संजय दत्त ने मंगलवार को टाडा अदालत से कहा था उनकी जान को खतरा है, इसलिए उन्हें मुंबई की विशेष अदालत के बजाय सीधे यरवदा जेल में सरेंडर करने की अनुमति दी जाए।