नई दिल्ली : एससी/एससी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटकर अध्यादेश लाने के बाद केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। देशभर में सवर्णों का प्रदर्शन बीजेपी के गले की फांस बन गया है। छह सितंबर को सवर्णों ने भारत बंद बुलाया है।
इस कानून को लेकर सवर्णों का कहना है कि ऐसा काला कानून अंग्रेजों के जमाने में भी देश में लागू नहीं था। इस कानून का गलत फायदा उठाया जाता रहा है। बिहार में भी कई बार सवर्ण इस एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रेने रोक चुके हैं।30 अगस्त को बेगूसराय में भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच ने बंद का आह्वान किया था। बंद शामिल लोगों ने शहर के काली स्थान चौक और बीपी स्कूल चौक समेत कई इलाकों को जाम लगा दिया, जिससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया। यहां प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग उठा रहे हैं। वहीं पुलिस के लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों में भगदड़ मच गई। हालांकि इस बीच किसी के घायल होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
दरअसल, दलित कानून (एससी-एसटी एक्ट) को लेकर सवर्णों का सरकार के खिलाफ गुस्सा तेज हो चला है। एक्ट के विरोध में प्रदर्शनकारियों का सबसे बड़ा प्रदर्शन गया में देखने को मिला। यहां प्रदर्शनकारियों ने मानपुर में बाजार-हाट को बंद करा दिया। प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचे अफसरों के साथ झड़प के बाद पुलिस ने भीड़ पर लाठचार्ज कर दिया। वहीं, बेगूसराय में प्रदर्शनकारियों ने नगर थाना के काली स्थान चौक, हेमरा चौक और मोहनपुर-राजौरा सड़क पर जाम लगा दिया। जिसके बाद भीड़ ने वाहनों के टायरों को आग लगाकर धरना प्रदर्शन किया। पहले के प्रदर्शन को देखते हुए ये अनुमान लगाया जा सकता है कि बिहार में भी सवर्णों के बंद का असर देखने को मिलेगा।