बिजली का खुले तारो को हाथो से पकडिये या फिर
लोहे के चिमटे से, दोनों अवस्था में करंट लगना स्वभाविक है, मगर कानपुर पनकी के विधुत कालोनी में रहने वाली सरोजनी को कभी करेंट नहीं लगता है। वो खुले तारो को एसे पकड़ लेती है, मानो उनके घर में करेंट दौड़ ही नहीं रहा हो, बिजली के खुले तारो को चिमटे की सहायता से पकड़ लेती है, मगर इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। खुले तारो को छूना सरोजनी के लिए एक खेल के सामान है, जिस करेंट से उनके परिवार के सदस्य कोसो दूर भागते है, उस करेंट के साथ सरोजनी की मानो गहरी दोस्ती हो।
सरोजनी बिना डरे, बिना झिझके बिजली के खुले तारो को पकड़ सकती है, वो भी एक मिनट या एक घंटे नहीं बल्कि दिनभर, इतना ही नहीं सरोजनी अपने घर में हीटर पर ही खाना बनाती है, जबकि हम सब जानते है कि हीटर बिजली से चलता है, और हीटर कितना खतरनाक होता है, मगर सरोजनी ने जल रहे हीटर को भी चिमटे की सहायता से आसानी से पकड़ लिया।
जब सरोजनी जी ने बिजली के बोर्ड में लगे बिजली के खुले तारो को चिमटे से पकड़ी, तब हमने टेस्टर की सहायता से चेक किया, तो दखा कि टेस्टर का इंडिकेटर जल गया, इससे साफ़ जाहिर होता है कि सरोजनी जी के शारीर में बिजली का करेंट आ रहा था।
खुद सरोजनी की माने तोए ये कैसे होता है, इनको करेंट क्यों नहीं लगता इन्हें कुछ नहीं पता, और ना ही इनके अन्दर ये चमत्कारी गुण बचपन से है, जब सरोजनी ने इसके बारे में अपने पति से बताया, तो उन्होंने भी पहले इसे मजाक समझाए मगर जब सरोजनी ने खुले तारो को चिमटे से पकड़ कर दिखाया तो इनके पति भी अचरज में पड़ गए।
सरोजनी के पति खुद कानपुर के पनकी पावर हाउस में काम करते है, वो भी अपनी पत्नी के इस अनोखे शक्ति से हैरान है, इनके मुताबिक़ आज बिजली का कोई भी काम बिना लाइन काटे नहीं किया जाता, मगर उनकी पत्नी को इससे कोई मतलब नहीं है, वो आसानी से करेंट दौड़ रहे बिजली के तारो को पकड़ लेती है, इनके बेटे सूरज की माने तो इनकी माँ के अन्दर ये अनोखी शक्ति कहा से आई उन्हें नहीं मालूमए मगर इनकी माँ बिजली से एसे खेलती है, मानो बिजली उनकी दोस्त हो।
सरोजनी ने अपने इस हरकत को शुरू मे ही पति के कहने पर कई डॉक्टर से दिखा भी चुकी है, मगर डाक्टरों ने ये कह कर इलाज करने से मना कर दिया कि ये कोई बिमारी नहीं है, और ना ही इसका कोई इलाज है, उधर सरोजनी के पडोस में रहने वाले पडोसी भी अपने पडोसी के इस हरकत से अचम्भित थेए मगर अब सब इसकी आदि हो चुके है।