हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर के समेज गांव में 60 घंटे बाद भी 36 लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया है. यहां पर महिला, बच्चों सहित 36 लोग मलबे में दफ्न हो गए हैं. लेकिन उनके जिंदा होने का कोई सुराग नहीं लग पाया है. हालांकि, गांव में दो दिन बाद एक गाय जिंदा मिली है. यह गाय फ्लैश फ्लड की चपेट में आने से बच गई थी और पहाड़ी से सटे घरों में बंधी हुई थी. शनिवार को गांव को जोड़ने के लिए सेना ने वैली ब्रिज बनाया तो मालिक रामलाल अपनी गाय के पास पहुंचे. दो दिनों तक गाय यहां पर भूखी-प्यासी बंधी रही.
वैली ब्रिज लगने के बाद गाय का मालिक 68 वर्षीय रामलाल उसके पास पहुंचा और चारा दिया. उन्होंने बताया कि उनकी गाय रोजाना 8 लीटर दूध देती है.
रामलाल ने न्यूज-18 को बताया कि जो घर बचे हुए हैं, वो सभी उसी के हैं. हालांकि, इन घरों में कोई नहीं रहता है. एक मकान में मजदूर रहते थे वो उस रात को घर पर नहीं थे. राम लाल ने घटना वाली रात की आंखों देखी बात सुनाई और गांव के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि यहां पर केवल 64 वर्षीय चंद्र और उसकी पत्नी ही बचे हैं. उन्होंने भाग कर अपनी जान बचाई थी. पूरा गांव मलबे के ढेर के नीचे दबा हुआ है.
उधर, एनडीआरएफ की टीम ने लाइफ डिटेक्टिंग उपकरण का इस्तेमाल किया, लेकिन अब तक कुछ हाथ नहीं लग., सेना के जवान भी तलाशी अभियान में जुटे हुए हैं. पुलिस, होमगार्ड,सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएफ के खोजी दलों का ज्वाइंट ऑपरेशन चल रहा है. लेकिन अब तक कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी है. गौरतलब है कि समेज में 31 जुलाई की रात को बादल फटने के बाद भयंकर बाढ़ आई और कुल 36 लोग लापता हो गए थे. इस लोगों में 18 महिलाएं, 8 बच्चे और अन्य लोग शामिल हैं.