शिवसेना ने भाजपा पर करारा हमला करते हुए उस पर 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ने का आरोप लगाया और अपने पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नए उपजे’ सम्मान पर सवाल उठाया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिवसेना के खिलाफ कुछ न बोलने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे की पार्टी खुलकर बीजेपी पर हमले कर रही है। उद्धव ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में बीजेपी को महाराष्ट्र का लुटेरा तक बता दिया। उद्धव ने लिखा है कि बीजेपी का शिवाजी के नाम पर वोट मांगना दिखावा है और प्रदेश की जनता असली लुटेरों को पहचानती है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है, मोदी कहते हैं कि वह अपने भाषणों में शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि वह बाला साहेब ठाकरे का सम्मान करते हैं। हम भी प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं। मुखपत्र के संपादकीय में पार्टी ने कहा है, लेकिन जब केवल सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर आपने हमारी पीठ में छुरा घोंपा तब वह सम्मान कहां था? हिन्दुत्व के सिद्धांतों पर किया गया गठबंधन तोड़ने से पहले आपने बाला साहेब के बारे में नहीं सोचा।
‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, ‘राज्य की जनता जानती है कि असली लुटेरे और छिपे लुटेरे कौन हैं? मुंह में राम और बगल में छुरी वाले कौन हैं? इसकी जानकारी उन्हें है। इसलिए देश का नेतृत्व करने वाले मोदी महाराष्ट्र में कड़क धूप में न घूमें।’
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए शिवसेना प्रमुख ने लिखा, ‘कांग्रेस-राष्ट्रवादी दलों ने महाराष्ट्र को लूटा ही है, लेकिन कल-परसों गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल किस उद्देश्य से यहां आई थीं? मुंबई के उद्योगपति महाराष्ट्र में न रुकें, सारे लोग गुजरात चलें, ऐसा उन्होंने कहा। यह भी एक तरह से महाराष्ट्र की लूट ही है। महाराष्ट्र की तिजोरी पर तिरछी नजर रखने और मुंबई का सौदा करने को लूटमारी न कहा जाए तो क्या कहा जाए। ऐसे विचार वालों को शिव छत्रपति का आशीर्वाद होने का प्रचार करना शुद्ध दिखावा है। उद्धव ने लिखा कि जिन लोगों ने सारी जिंदगी शिवाजी की जयंती नहीं मनाई, वे उनके आशीर्वाद का विज्ञापन कर रहे हैं और उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं।
उन्होंने बीजेपी पर महाराष्ट्र को तोड़ने का मकसद पालने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, ‘महाराष्ट्र अखंड रहेगा और विदर्भ का टुकड़ा नहीं होगा, ऐसा मोदी ने मुंबई-महाराष्ट्र में आकर कहा नहीं। महाराष्ट्र को तोड़ने का सपना लेकर भाजपा वाले चुनाव में उतरे हैं। सेठ साहूकारों के सट्टा बाजार का पैसा इस सपने की पूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कुम्हारे पास सेठ-साहूकारों का बल होगा, साजिश और षड्यंत्र की बुद्धी होगी, पीठ में घोपने के लिए खंजर होगा, लेकिन ध्यान में रखो, शिवराय (शिवाजी) का आशीर्वाद इतना सस्ता नहीं है। यह राज्य शिवराय का है, यह बात दिल्ली के नए अधिपति न भूलें।