20 जून 2012 में आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश के दो बड़े कारोबारी दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा के यहां छापा डाला था। उस दौरान इनके यहां से कुछ डायरियां बरामद हुई थीं। इनमें यह बात लिखी गई है कि मध्यप्रदेश के दो मंत्रियों उच्चशिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और खनिज संसाधन मंत्री राजेंद्र शुक्ल के अलावा कई बड़े अफसरों को कितनी घूस दी गई। दोनों उद्योगपियों को बीजेपी का करीबी बताया जा रहा है। मध्य प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष के अजय सिंह ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफा मांगा है। इस मामले पर BJP ने चुप्पी साध रखी है।
शिवराज सिंह ने कहा कि नवंबर, 2011 में विधानसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस ने दोनों कारोबारियों के कम समय अकूत संपदा इकट्ठी होने की जानकारी दी थी। साथ ही यह भी बताया था कि किस तरह BJP सरकार ने इन दोनों कारोबारियों को संरक्षण और सपोर्ट नियमों के विरूद्ध जाकर किया है।
शिवराज सिंह ने कहा कि आयकर विभाग ने सुधीर शर्मा की डायरी में मिली जानकारी में दो मंत्रियों राजेन्द्र शुक्ला और लक्ष्मीकांत शर्मा का जिक्र करते हुए बीआईईडी और लोकायुक्त से जांच कराने की अनुशंसा की है। आयकर विभाग ने इस लेन.देन की तुलना हवाला कारोबार से भी की है।
इसी के साथ, BJP नेता राजेंद्र शुक्ल से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि पहले कागज लाओए उसके बाद जवाब दूंगा। वहीं, प्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्र ने इन बातों को बेबुनियाद बताया है और उलटा आरोप लगाया कि चुनाव से पहले कांग्रेस चरित्रहनन की कोशिश कर रही है। कम टैक्स और सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है कांग्रेस। कांग्रेस मुद्दाविहीन हो गई है। यह BJP को बनाम करना चाहती है सब देख रहे हैं और इसलिए जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आयेगाए इस तरह के चरित्र हनन के प्रयास वो करेंगे। मिश्र ने कहा कि दोनों मंत्री इस पर अपना पक्ष रख चुके हैं। दोनों का इससे कोई लेना देना नहीं है।