आजकल वैज्ञानिक ऐसा बैंडेज बनाने में जुटे हैं जिससे जख्म तेजी से भर सके। आमतौर पर घाव भरने में देरी के कारण संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसी वजह से वैज्ञानिकों ने स्मार्ट बैंडेज बनाने पर काम शुरू किया है।
स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने स्मार्ट बैंडेज बनाने के लिए इलेक्ट्रोस्पिनिंग तकनीक का सहारा लिया है। नई प्रक्रिया में विद्युत आवेशित नॉजल से मानव बाल से भी सौ गुना पतले पॉलीमर फिलामेंट को निकाला जाता है। इससे एक जाली बनाई जाती है जो जख्म में मौजूद बैक्टीरिया को अपनी ओर खींचते हैं।
शोध के पहले चरण में पॉलीमर नैनोफाइबर को घाव के ऊपर लगाया जाएगा जो उसमें मौजूद संक्रमणकारी बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक होगा। फाइबर बैक्टीरिया से भी छोटे होंगे और इसमें चिपकते ही मर जाएंगे।
दूसरे चरण में नैनोफाइबर पर अनेक यौगिक पदार्थो का लेप चढ़ाकर उसका एशरीकिया कोली बैक्टीरिया पर परीक्षण किया जाएगा। यह घावों में सामान्य तौर पर पाया जाता है। तीसरे चरण में टिश्यू-इंजीनियर्ड स्किन मॉडल पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा।