उधर, समाजवादी पार्टी सोनिया की इस चिट्ठी से नाखुश दिखाई दे रही है। पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने सोनिया की इस चिट्ठी पर व्यंग्य करते हुए कहा कि उन्हें दामाद रॉबर्ड वाड्रा के फंसने पर हरियाणा में खेमका और राजस्थान में 2 आईएएस अफसरों को हटाने के मामले में भी दो और चिट्ठियां लिखनी चाहिए।
गौरतलब है कि करीब एक हफ्त गुजर जाने के बाद भी कांग्रेस इस मामले पर चुप्पी साधे हुए थी। कांग्रेस के किसी नेता ने दुर्गा मामले में अखिलेश सरकार के फैसले का कोई विरोध नहीं किया था। वह इसे राज्य सरकार का मामला बताकर पल्ला झाड़ रही थी। लेकिन, अब सोनिया की इस चिट्ठी के बाद कांग्रेस नेता भी अखिलेश सरकार के इस फैसले की खुलकर चर्चा कर रहे हैं।
उधर दुर्गा शक्ति के निलंबन के खिलाफ पूरे यूपी में प्रदर्शनों का सिलसिला तेज हो गया है। आगरा से लेकर कानपुर, मेरठ जैसे कई शहरों में दुर्गा के समर्थन में जली मशाल के साथ लोग दुर्गा का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं। यूपी के कानपुर में बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता जलती मशाल के साथ सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मेरठ में भी दुर्गा के समर्थन में लोगों ने जलती मशाल के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और दुर्गा के निलंबन को वापस लेने की मांग की आगरा में लोगों ने दुर्गा शक्ति के समर्थन में कैंडल मार्च किया और जल्द से जल्द सरकार से मांग की दुर्गा शक्ति का निलंबन वापस लेने की।
इसी के साथ दुर्गा शक्ति के निलंबन को लेकर बीजेपी ने एसपी नेता नरेंद्र भाटी के बहाने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी का कहना है कि खुद भाटी अवैध खनन के धंधे में लिप्त हैं और फिर सरकार उल्टा चोर कोतवाल को डांटने की तर्ज पर कार्रवाई में जुटी हुई है। दुर्गा शक्ति का 41 मिनट में सस्पेंड कराने का दावा करने वाले एसपी नेता नरेंद्र भाटी पर जेडीयू ने खनन माफिया से मिली भगत का आरोप लगाया है। जेडीयू सांसद अली अनवर का कहना है कि मुसलमानों और मस्जिद के बहाने यूपी सरकार खनन माफिया को संरक्षण दे रही है।