इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान की विशेष अदालत ने देशद्रोह के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। देश में आपातकाल लगाने के लिए अदालत ने मुशर्रफ के खिलाफ इस सजा का एलान किया है। इस समय मुशर्रफ दुबई में हैं।
पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व सैन्य प्रमुख के खिलाफ कोर्ट ने इतना बड़ा फैसला दिया हो। वर्तमान में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ दुबई में रह रहे हैं। बताते चलें कि तीन नवंबर 2007 को देश में आपातकाल लगाने और दिसंबर में संविधान को निलंबित करने के मामले में पूर्व सैन्य तानाशाह के खिलाफ नवाज शरीफ सरकार ने राजद्रोह का मुकदमा दिसंबर 2013 में दर्ज कराया था।
6 अक्टूबर 2007 को परवेज एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव जीते, लेकिन इस बार उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतेजार करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर को चर्चा की और 3 नवंबर 2007 को मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल लागू कर दिया।
24 नंवबर को पाकिस्तान चुनाव आयोग ने मुशर्रफ के राष्ट्रपति के तौर पर पुनर्निर्वाचित होने की पुष्टि की और जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने सैनिक वर्दी त्याग दी और पाकिस्तान के असैनिक राष्ट्रपति के तौर पर पद संभाला।
कट्टरपंथियों के खिलाफ मुशर्रफ ने सख्त रुख अपनाया। उन्हीं के शासन में लाल मस्जिद पर जुलाई 2007 में हुई सैनिक कार्रवाई में 105 से भी ज़्यादा लोग मारे गए थे। मुशर्रफ की आत्मकथा ‘इन द लाइन ऑफ फायर – अ मेमॉयर’ वर्ष 2006 में प्रकाशित हुई थी।
बताते चलें कि मुशर्रफ को 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया गया था और अभियोजन पक्ष ने उसी साल सितंबर में विशेष अदालत के समक्ष पूरे सबूत पेश किए थे। हालांकि, अपीलीय मंचों पर मुकदमेबाजी के कारण पूर्व सैन्य तानाशाह का मुकदमा लटक गया था और वह मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़कर विदेश चले गए थे। बताते चलें कि दुबई में रह रहे मुशर्रफ दुर्लभ बीमारी अमिलॉइडोसिस से पीड़ित हैं। इस बामीरी में प्रोटीन शरीर के अंगों में जमा होने लगता है। वह दुबई एक अस्पताल में इसका इलाज करवा रहे हैं।