नई दिल्ली: श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे को हरा नए राष्ट्रपति बने मैत्रीपाल सिरिसेना भारत के दौरे पर हैं। दौरे पर आने के बाद श्रीलंकाई राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र के बीच द्वीपक्षीय वार्ता हुआ। इस दौरान दोनों देशों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
मैत्रीपाल सिरिसेना अपने पहले विदेश दौरे पर भारत आना यह बताता है कि श्रीलंका के लिए भारत कितना अहम है। इस दौरान सिरिसेना ने पीएम नरेंद्र मोदी को श्रीलंका आने का न्यौता दिया, जिसे उन्होंने (मोदी) स्वीकार कर लिया।
हैदराबाद हाऊस में द्वीपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश (श्रीलंका) के राष्ट्रपति का स्वागत करना बहुत सौभाग्य और खुशी की बात है। प्रधानमंत्री ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना को उनकी जीत पर बधाई दी। इसके अलावा द्वीपक्षीय वार्ता में भारत ने तमिलों के अधिकारों की रक्षा और चीन के बढ़ते प्रभाव पर लगाम लगाए जाने का भी मुद्दा उठाया।
PM मोदी ने कहा हमारे और श्रीलंकाई राष्ट्रपति के बीच द्वीपक्षीय संबंधों के अलावे कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमें पड़ोसी देश श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनने पर खुशी है। हम उम्मीद करते हैं कि वायु और समुद्र मार्ग में भी बहुत जल्द और सुधार कर लिये जाएंगे। मोदी ने कहा कि असैनिक परमाणु सहयोग पर द्विपक्षीय समझौते से दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ा है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने नई दिल्ली की ओर से न्यौता स्वीकारे जाने पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनका (मोदी) दौरा श्रीलका के लिए सम्मान की बात होगी और ये हमारे लिए वरदान साबित होगा।
उन्होंने ने कहा कि द्वीपक्षीय वार्ता से हम दोनों देशों की दोस्ती व संबंधों को और मजबूती देने के निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। हम प्रगति के मार्ग पर हैं और ये संबंध दोनों देशों को औगे भी और मजबूत बनाएंगे।