बिहार में फिर अपराधियों ने पुलिस को धत्ता बताते हुए एक साईकिल दुकानदार को शाम
सोमवार को निगरानी विभाग कि टीम ने पश्चिमी चम्पारण के चर्चित रिश्वतखोर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी
अपने साथीयों के मारे जाने के प्रतिशोध में माओवादियो द्वारा दो दिवसीय बंद के दौरान
क्या देश कि आजादी के 65 वर्ष बाद भी वाकई बंधुआ मजदूर हैं ? अगर
बिहार में सुसासन कि सरकार को खुली चूनौती दे रहे अपराधी चुस्त और पुलिस सुस्त
बिहार में पशु चिकित्सालयों में दवाओं की घोर बहुत कमी है। प्रखण्ड स्तर से लेकर जिला
बिहार में सुसासन कि सरकार को तार तार कर रही लगातार हो रही बलात्कार की
बिहार मे परिवहन विभाग अवैध उगाही का मात्र एक जरीया बन कर रह गयी है।
मार्च आते आते ही हवा और झक्कर कि शुरूआत हो जाती है शहर हो या
राजीव गाँधी बिजली परीयोजना बिहार में गरीबो का मुँह चिढ़ा रहा है। यहां आपको हम