कोलकाता: इस साल कोलकाता के दुर्मेंगा पूजा में करीब 50 किलो सोने से तैयार मां दुर्गा की प्रतिमा को देखने को यहाँ लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई और आलम यह है कि रात को नहीं, बल्कि दिन में ही लोग कतारबद्ध हो प्रतिमा दर्शन करते दिखे।
सियालदह के संतोष मित्र स्क्वायर सार्वजनिन दुर्गोत्सव कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप घोष ने बताया कि इस प्रतिमा के निर्माण को बहूबाजार के एक स्वर्ण व्यवसाय करने वाली कंपनी ने सोना उपलब्ध कराया है व इसकी लागत करीब 17 करोड़ रुपये आई है।
वहीं मायापुर में बन रहे इस्कॉन के नए मंदिर ‘चंद्रोदय टेंपल ऑफ वैदिक प्लैनेटेरियम’ के डिजाइन में मंडप के बाहरी हिस्से को ढाला गया है। वहीं मंडप के भीतर के हिस्से को आगरा के शीश महल का आकार दिया गया है। घोष ने बताया कि इसके निर्माण में करीब दस टन शीशे का इस्तेमाल किया गया है।
कमेटी के महासचिव सजल घोष ने बताया कि मंडप के भीतरी हिस्से को फिरोजाबाद के कारीगरों ने मूर्त रूप दिया है। वहीं मंडप व प्रतिमा दर्शन को उमड़े लोगों ने कहा कि हर बार यहां उन्हें कुछ देखने को मिलता है और इस बार तो आयोजकों ने दिल ही जीत लिया है। प्रतिमा से लेकर मंडप के भीतरी व बाहरी हिस्से को जिस तरीके से सजाने की कोशिश की गई है उसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है।
वहीँ राज्य सरकार में विभिन्न मंत्रियों की ओर से आयोजित किए जाने वाले दुर्गा पूजा पंडालों में भीड़ को लेकर प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलती है। बीते साल ही मंत्री फिरहाद हकीम, अरुप विश्वास, सुब्रत मुखर्जी में जुबानी जंग देखने को मिली थी। इसलिए इस साल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही आगाह कर दिया है कि कोई यह बयान न दे कि किसके पंडाल में कितनी भीड़ उमड़ी।