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स्ट्रेस (Stress) से बचने के उपाय

 

stressआज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस (Stress) आम बात है गई है। लोग इसे लाइइलाज बीमारी मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर हम अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा सा परिवर्तन कर लें, तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। अगर आपको स्ट्रेस (Stress) पर काबू पाना है, तो इन निम्न उपायों को अपनाकर आप इससे निजात पा सकते हैं।

अवेयरनेसः
सबसे पहले यह जानने की कोशिश करें कि किन एक्सटर्नल और इंटर्नल कारणों से स्ट्रेस (Stress) लेवल बढ़ता है। उन कारणों को नोट कर लें और इस बात को भी गंभीरता से देखें कि इन कमजोर बिन्दुओं पर आपको विजय कैसे मिलती है। अपने दोस्तों से अपने स्वभाव के बारे में बात करें और सोचें उसमें कहां आपको बदलाव करने है। खुद से हमेशा सच बोलें और पूछें कि आप जो कर रहे हैं और जिस तरह से कर रहे हैं कया वी सही है? अपनी हर बात पर सोच विचार करें।

बैलेंस बना कर रखेः
तनाव ही हमें कहीं कॉम्पिटिटिव बनाता है इसलिए यह हमेशा बुरा भी नहीं होता है। स्ट्रेस्ड होकर ही हम अपनी-अपनी जीत को तोल सकते हैं और दूसरों की तुलना में खुद को आगे रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन इसके साथ ही हमें पॉजिटीव और निगेटिव स्ट्रेस (Stress) के बीच बैलेंस बना कर रखना चाहिए। समय के अनुसार हमें फाइनेंशियल ओर फेमिली प्रेशर को भी समझना चाहिए। ध्यान दे कि अधिक समय तक रहने वाला तनाव अगर आपको शारीरिक या मानसिक रूप से परेशान कर रहा है तो इसे गंभीरता से लें और कंट्रोल या कम करने की हर कोशिश जरूर करें।

सेल्फ कंट्रोलः
अगर आपने स्वयं नियंत्रण कर लिया तो हर प्रॉब्लम पलभर में हल हो जाएगी। किसी भी नाकारात्मक स्ट्रेस (Stress) का मुकाबला करने के लिए अपने आप में या अपने -पास के वातावरण में जितना हो सके बदलाव लाएं। आप स्ट्रेस (Stress) मैनेजमेंट तकनीक अपना कर अपने बरताव, लाइफस्टाइल और व्यवहार में परिवर्तन कर सकते हैं। अगर आपमें स्थितियों को बदलने की शक्ति नहीं है, तो कम से कम आप अपना नजरिया तो बदल ही सकते हैं। बिना बदलाव के कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है।

पॉजिटीव थिंकिंग की शक्तिः
अपनी कमजोरियों पर तो ध्यान देते ही रहें साथ ही अपनी क्षमताओं पर भी बराबर नजर रखें। अच्छी आदतों को पॉजिटिवली लेकर कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करें। हर चीज को लेकर पॉजिटीव रहें। अपने आपको स्ट्रेस (Stress) फ्री करने के अवसर हमेंशा तलाशते रहें। व्यस्त जॉब शेड्यूल के बाद भी अपने आप को तनावमुक्त करने के लिए कम से कम 20 मिनट का समय जरूर निकालें। टहलने जायें या अपने किसी दोस्त के साथ लंच करें या फिर म्यूजिक सुनें। इसका बहुत फायदा मिलेगा। स्ट्रेस (Stress) बहुत हद तक दूर हो जाएगी।

एक्सेप्टेंस ओरिएंटेडः
कभी-कभी जीवन में ऐसी परिस्थितियां हमारे सामने आ जाती हैं, जिनका मुकाबला हम नहीं कर पाते हैं। हमें मालूम होता है कि इनका सामना हमारे बस में नहीं है। ऐसी चीजों के बारे में अधिक सोचना व्यर्थ है, क्योंकि चाह कर भी कुछ खास नहीं कर सकते हैं। इस तरह की चीजों को स्वीकारें और किसी दूसरे कार्य में अपना मन लगाना शुरू कर दें। यही बढि़या रहेगा।

ऐक्शन ओरिएंटेडः
बहुत सी परिस्थितियां ऐसी होती हैं, जिनका मुकाबला करने के लिए हमारे पास उनसे लड़ने की पर्याप्त शक्ति का होना जरूरी है। बिना इसके हम उससे निपट ही नहीं सकते हैं। ऐक्शन ओरिएंटेड अप्रोच में स्ट्रेस (Stress) को मैनेज करने के तरीके पर विचार किया जाता है। तनाव किस कारण से पर हावी हो रहा है उसे जाने और कोशिश करें कि हमारे कि कार्यों से यह हमसे दूर हो सकता है। यह वो तकनीक होती है जिसकी मदद से तनावपूर्ण स्थितियों को बदलने की कोशिश की जाती है।

अपने अधिकारों को समझें:
आप अपने अधिकारों को समझें। यहो भी जरूरत पड़े उसका उपयोग करें, लेकिन कभी भी अपने विचारों को दूसरों के ऊपर थोपने की कोशिश न करें। याद रखें, हम किसी को समझ तो सकते हैं लेकिन ताकत या प्रभाव का प्रयोग करके उसे अपने से सहमत नहीं कर सकते। संयमित रहें और दूसरों की परेशानियों में बहुत ज्यादा दखलअंदाजी भी न करें। हम स्वयं अपने अधिकारों को समझ कर खुद को अच्छी तरह से नियंत्रित और व्यवस्थित भी कर सकते हैं।