जिन विद्यार्थियों के अंक 55-70 प्रतिशत हैं, वह नर्सरी ट्रेनिंग या जूनियर टीचर्स ट्रेनिंग में प्रवेश लेकर दिल्ली के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के रूप में कॅरियर शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनीवर्सिटी या दिल्ली विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजुकेशन से बीए, बीकाम या बीएसई कर सकते हैं। निकटवर्ती राज्यों में वह एलएलबी में प्रवेश भी ले सकते हैं। बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स भी अच्छा विकल्प है।
इसी तरह 65-80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र, जिन्होंने साइंस की पढ़ाई की हो वह पैरामेडिकल, लैब टेक्नीशियन तथा छात्राएं नर्सिंग कोर्स में प्रवेश ले सकती हैं। आटर््स के छात्र कम्प्यूटर एप्लीकेशन के कोर्स कर सकते हैं। निजी संस्थानों में भी ऐसे कई कोर्स हैं, जो बाजार की मांग को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनीवर्सिटी के क्षेत्रीय केंद्र एक के निदेशक डॉ. संजीव पांडेय ने बताया कि 12 वीं में कम अंक आने पर इग्नू बेहतर विकल्प है। प्रोफेशनल कोर्स के कई विकल्प हैं। छात्र बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के तहत स्टिेल कंट्रोल का कोर्स कर सकते हैं। बाजार की जरूरतों के हिसाब से इस कोर्स की काफी मांग है। बैचलर ऑफ टूरिज्म स्डडीज का कोर्स भी बेहतर चयन है। बैचलर ऑफ सोशल वर्क के छात्रों की एनजीओं और अन्य क्षेत्रों में मांग है।
इस तरह कम अंक वाले छात्र बिना निराश हुए अपने लिए बेहतर विकल्प का चुनाव करके अपने कॅरियर को अच्छा मुकाम दे सकते हैं। जो आपको सफलता की सिढि़यों को चढ़ने में मददगार साबित होगा।