नई दिल्ली : दिवाली के बाद से दिल्ली और आसपास के इलाकों में धुआं की चादर छंटने का नाम ही नहीं ले रही है। इसकी वजह से शाम और सुबह घनघोर अंधेरा छा रहा है। नतीजतन कई जगहों पर गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त हो गई हैं। दिवाली पर जलाए गए पटाखों के धुएं के अलावा पंजाब-हरियाणा के किसानों द्वारा जलाए जा रहे फसल भी इस धुंध की प्रमुख वजह बनकर सामने आई है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक तस्वीर जारी की है जिसमें पंजाब-हरियाणा में जलाए जा रहे फसल अवशेषों को बड़ा प्रदूषक ठहराया गया है। इसकी वजह से पड़ोसी राज्यों खासकर दिल्ली एनसीआर में धुंध बढ़ी है लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। पिछले कुछ दिनों में कई अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
नासा की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय और पाकिस्तानी पंजाब के इलाके में बड़ी मात्रा में फसलों के डंठल जलाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक किसानों ने करीब 3.20 करोड़ टन घासफूस जलाया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पिछले साल ही सरकार को आदेश दिया था कि वो किसानों की इस हरकत पर रोक लगाए लेकिन इस साल अक्टूबर खत्म होने से पहले ही किसानों ने फसलों को जलाना शुरू कर दिया। नतीजतन वहां के धुएं की वजह से दिल्ली एनसीआर में कोहरे और धुंध की मोटी परत छा गई। हालांकि, हरियाणा पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने साल 2015 में एक सर्वे कराया था जिसके जरिए यह दावा किया गया कि किसानों द्वारा इस तरह फसलें जलाने की घटनाओं में पिछले तीन सालों में 21 फीसदी की कमी आई है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार इस समस्या से निपटने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जिसमें किसान इस तरह धान के बिचड़ों को जलाने की बजाय बायोमास पॉवर प्रोजेक्ट के लिए बिचड़े देंगे और बदले में सरकार उन्हें कुछ मुआवजा भी देगी। गौरतलब है कि धुएं और धुंध की इसी तरह की तस्वीर पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी है। वहां के अखबार डॉन के मुताबिक बुधवार को लाहौर शहर धुएं और धुंध की चादर में लिपटा रहा।