नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावस्कर को शुक्रवार को आईपीएल-7 के प्रबंधन के लिये भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। कोर्ट ने उन्हें दूसरा काम अपने हाथ में लेने की अनुमति दे दी है। जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर और जस्टिस इब्राहिम कलीफुल्लाह की खंडपीठ ने आईपीएल-7 सुचारू ढंग से संचालित करने के लिये गावस्कर के काम की सराहना की और उन्हें इस काम के लिये भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड से मुआवजा लेने की अनुमति दी।
कोर्ट ने बोर्ड से कहा कि उनके दावे के आधार पर एक रिपोर्ट पेश की जाये। इसके बाद ही गावस्कर को दिये जाने वाले मुआवजे के बारे में निर्णय किया जायेगा। कोर्ट ने कहा कि बोर्ड के वरिष्ठतम उपाध्यक्ष शिवलाल यादव अगले आदेश तक अन्य सभी मामलों में बोर्ड के अध्यक्ष के काम करते रहेंगे।
क्रिकेट के पुनरुद्धार के लिये शीर्ष अदालत ने 28 मार्च को न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल समिति की रिपोर्ट के आधार पर आईपीएल-7 के संचालनका काम भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड का नियंत्रण एन श्रीनिवासन से लेकर सुनील गावस्कर को दे दिया था।
रिपोर्ट में कहा गया था कि चेन्नई सुपर किंग्स में गुरुनाथ मयप्पन की टीम के अधिकारी के रूप में भूमिका सिद्ध हो गयी है और मयप्पन के खिलाफ सट्टेबाजी करने और सूचनायें देने के आरोप सिद्ध हो गये हैं। समिति ने सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें पूर्व क्रिकेट खिलाडि़यों और श्रीनिवासन के नाम का उल्लेख था।
इस रिपोर्ट के आधार पर शीर्ष अदालत ने बोर्ड के अध्यक्ष और दूसरे व्यक्तियों के खिलाफ आगे जांच का भी आदेश दिया था। मुद्गल समिति को इन आरोपों की जांच करके अगस्त के अंत तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है। कोर्ट सितंबर में इस मामले में आगे विचार करेगा।