जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने Google, Whatsapp और facebook पर डाटा शेयरिंग के मामले में दिया ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली : Facebook, Google और Whatsapp के डाटा शेयरिंग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राइट टू प्राइवेसी का फैसला दिया है। इसे मौलिक अधिकार बताया गया है जिसमें सूचनात्मक गोपनीयता (informational privacy) भी शामिल है। इस फैसले से टेक्नोलॉजी कंपनियां गूगल, फेसबुक, एप्पल और व्हाट्सएप के डाटा शेयरिंग पर असर पड़ सकता है। वहीं, इस फैसले के बाद यूजर्स भी कंपनियों से सवाल कर पाएंगी कि एप्स और सर्विसेस के जरिए किस तरह उनका डाटा शेयर किया जाता है।

आपको बता दें कि इस फैसले के बाद यूजर्स अपनी प्राइवेसी को लेकर सीधे कोर्ट से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। साथ ही यह इस मामले से संबंधित सभी याचिकाओं को भी समर्थन देगा। सूचनात्मक गोपनीयता के महत्व को लेकर चीफ जस्टिस जे एस केहर समेत दूसरे जज डी वाई चंद्रचूड़, आर के अग्रवाल और एस अब्दुल नजीर ने कहा, “सूचनात्मक गोपनीयता, राइट टू प्राइवेसी का ही एक पहलू है। सूचना के इस दौर में प्राइवेसी का खतरा कहीं से भी पैदा हो सकता है।”

एडवोकेट अपार गुप्ता ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा, “प्राइवेसी की कोई एक परिभाषा नहीं है लेकिन इसका विस्तार आर्टिकल तक किया गया है। यह एक व्यापक विस्तार है, जिसे आजादी के रुप में देखा जा रहा है, जोकि बाकी अधिकारों के इस्तेमाल के लिए भी जरूरी है।” आपको बता दें कि केंद्रीय सरकार डाटा प्रोटेक्शन कानून को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया में है। साथ ही इसके लिए एक एक्सपर्ट ग्रुप को भी नियुक्त किया गया है जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के जज बी एन श्रीकृष्ण कर रहे हैं।