नई दिल्ली : कर्नाटक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा कि शनिवार को ही बीजेपी को कर्नाटक विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा। अब बीजेपी को शनिवार शाम 4 बजे तक बहुमत साबित करना होगा। यानी की अब बीजेपी के पास बहुमत साबित करने के लिए 28 घंटे से भी कम समय है। इससे पहले बीजेपी की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा था। मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके समर्थन में काफी विधायक हैं, लेकिन वो फौरन बहुमत साबित नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कांग्रेस नेता और वकील अश्विनी कुमार ने स्वागत किया है। उधर बीजेपी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने हुए कहा कि हम कल कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखाएंगे। कांग्रेस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। प्रोटेम स्पीकर कराएंगे प्लोर टैस्ट। येदियुरप्पा नहीं कर पाएंगे नीतिगत फैसला। अब सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल को लेकर 10 हफ्ते बाद सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को शपथ दिलाने के आदेश भी दिया है। कोर्ट ने साथ ही कहा है कि भी नया विधायक मनोनित नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सीकरी ने पूछा कि राज्यपाल ने किस आधार पर येदियुरप्पा को सरकार बनाने की मंजूरी दी। जनादेश सबसे महत्वपूर्ण है। इस दौरान जस्टिस सीकरी के दो सुझाव भी दिए थे। पहला ये कि 24 घंटों के भीतर बहुमत साबित हो और दूसरा ये कि येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण की समीक्षा हो। जस्टिस अर्जन कुमार ने इस दौरान कहा कि फ्लोर टैस्ट ही सबसे बेहतर तरीका है। विधानसभा में ही बहुमत साबित करें बीजेपी। जिसके बाद कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के आदेश दिए। साथ ही कर्नाटक के DGP को सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने को कहा।
कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि नतीजे घोषित होने से पहले ही येदियुरप्पा ने दावा पेश किया था। राज्यपाल ने किस आधार पर न्यौता दिया था। येदियुरप्पा ने नतीजों से पहले ही बहुमत की चिट्ठी सौंपी थी। सिंघवी ने कहा कि ये तय करना होगा कि राज्यपाल इस तरह का काम कैसे कर सकता है। येदियुरप्पा ने बहुमत का दावा जरूर किया है, लेकिन उनके पास विधायकों के समर्थन की चिट्ठी नहीं है।