दरअसल, संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था। ये हथियार उन्हीं विस्फोटक सामग्री और हथियारों की खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई बम धमाकों में किया गया था। इन धमाकों में 257 व्यक्ति मारे गये थे और 700 से ज्यादा जख्मी हो गए थे।
संजय दत्त को सुनाये गये सजा के फैसले के बात दत्त के पास यही आखिरी कानूनी विकल्प था। आर्म्स एक्ट मामले में सजा सुनाए जाने के बाद संजय दत्त ने 16 मई को मुंबई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त की सजा 6 साल से घटाकर पांच साल कर दी थी। संजय डेढ़ साल जेल में पहले ही काट चुके हैं और अब वह बाकी के साढ़े तीन साल की सजा पुणे की यरवदा जेल में काट रहे हैं।