बिहार में 70 साल बाद शुरू हुआ जमीन का सर्वे, कौन-कौन से कागजात होंगे जरूरी, कैसे कर सकेंगे आवेदन

बिहार में 1954 के बाद 70 साल बाद फिर से सर्वे का काम शुरू हो गया है. इस बार पूर्णिया के सभी 14 अंचलों समेत बिहार के सभी अंचलों में एक साथ जमीन का सर्वे का काम शुरू हो गया है. हालांकि पूर्णिया के शहरी इलाके यानि नगर निगम क्षेत्र में अभी सर्वे नहीं हो रहा है. सर्वे को लेकर सभी गांव में पहले आमसभा हो रही है, जहां अधिकारी गांव में जाकर लोगों को बता रहे हैं कि किस तरह सर्वे का काम किया जाना है. क्या-क्या कागजात उसमें लगेंगे. आज पूर्णिया के सुखसेना गांव में भी मुखिया सरिता देवी के नेतृत्व में आमसभा का आयोजन किया गया, जहां अधिकारियों ने लोगों को सर्वे के बाबत जानकारी दी.

वहीं इस बाबत अपर समाहर्ता सह जिला बंदोबस्त पदाधिकारी रवि राकेश ने कहा कि बिहार में लंबे समय से सर्वे का काम नहीं हुआ था, जिस कारण कई तरह की समस्याएं होती थी. वहीं जमीन विवाद काफी बढ़ गया था. अब इस सर्वे के होने से सबसे अधिक फायदा होगा कि सारी जमीन ऑनलाइन हो जाएगी. सभी भूधारी के नाम से अपना खतियान बन जाएगा और वह खतियान ऑनलाइन हो जाएगा. इसलिए अब भूधारी को परेशानी नहीं होगी. लोग कहीं भी बैठे हुए कभी भी अपने जमीन के बारे में जानकारी ले सकते हैं.

जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन
एडीएम ने कहा कि यह सर्वे सभी गांव में एक साथ हो रहा है. इसलिए सभी लोग अपने-अपने कागजात दुरुस्त कर लें. उन्होंने कहा कि जिनके पास जो भी कागज है उस कागज के साथ फॉर्म भरकर वह ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं. कोई भी व्यक्ति कहीं भी बैठे-बैठे एप के माध्यम से ऑनलाइन फार्म जमा कर सकते हैं. इसके अलावा ऑफलाइन भी सुविधा दी गई है. लेकिन, ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन करेंगे तो उसमें गड़बड़ी की आशंका कम रहेगी. उन्होंने कहा कि तीन चरणों में सर्वे का काम होगा.

जानें कैसे पूरा होगा सर्वे का काम
एडीएम के अनुसार पहले चरण में अधिकारी और सर्वे की टीम सभी गांव में जाकर आम सभा करेगी. लोगों को जागरूक करेगी. लोगों को सर्वे के नियम कानून के बारे में बताएगी. इसके बाद आपसे आवेदन लिया जाएगा. फिर आवेदन लेने के बाद उसके सत्यापन के लिए अमीन और सर्वे की टीम आपके खेतों में जाएगी और वहां जाकर मुआयना करेगी. उन्होंने कहा कि पूर्णिया जिला में सर्व को लेकर कुल 243 अमीन, 28 कानूनगो और 14 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है.

कौन-कौन से कागजात होंगे जरूरी
अपर समाहर्ता ने कहा कि 16 अगस्त से 4 सितंबर तक आमसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अधिकारी और सर्वे अमीन गांव में जाकर लोगों को जानकारी देंगे. इस बीच में अपने सभी कागजात दुरुस्त कर लें. इसके बाद खतियान, लगान रसीद या जो भी वैध कागजात जो उनके रैयत होने का अधिकार दर्शाता हो उसके साथ प्रपत्र दो भरकर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पास जमा करें या ऑनलाइन भर दें.

इन कागजातों को कर लें रेडी

मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु तिथि व वर्ष
जमाबंदी संख्या की विवरणी, मालगुजारी रसीद संख्या व वर्ष
खतियान की नकल (उपलब्ध हो तो)
दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेजों का विवरण
यदि सक्षम न्यायालय का आदेश तो उसकी मूल प्रति
आवेदनकर्ता का हित अर्जन करनेवाले का मृत के वारिस होने के संबंध में प्रमाण पत्र
आवेदक के आधार कार्ड की छाया प्रति
वोटर कार्ड की छायाप्रति

तीन चरणों में होंगे सर्वे का काम
अपर समाहर्ता रवि राकेश ने कहा कि सर्वे के लिए तीन चरण निर्धारित हैं, जिसमें वह अपना दावा आपत्ति भी दर्ज कर सकते हैं. जिस जमीन का कागजात नहीं है उसके लिए सर्वे अधिकारी धरातल पर जाएंगे. वहां पूछताछ के आधार पर जो जानकारी होगी उसके आधार पर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी निर्णय लेंगे. उन्होंने लोगों से अपील की की वह अपने कागजात को दुरुस्त कर ले और सर्वे टीम को सहयोग करें. अपर समाहर्ता ने कहा कि इसका सबसे अधिक फायदा होगा कि जो जमीन विवाद है वह समाप्त हो जाएगा. सब कुछ ऑनलाइन हो जाएगा. लोग कहीं भी बैठे अपने जमीन के बारे में सारी जानकारी ले सकते हैं. लगान रसीद भर सकते हैं.

सांसद पप्पू यादव ने क्या कहा
वहीं सांसद पप्पू यादव ने कहा कि सर्वे होने से बिहार में जमीन विवाद और बढ़ेगा। सरकार को इसको रोकने के लिए ठोस पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी सर्वे हुआ था लेकिन लोग आज भी केस मुकदमे के झंझट में पड़े हुए हैं. इस बार के सर्वे में सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि लोगों को कम से कम परेशानी हो, जो वाजिब रैयत हैं उन्हीं को अधिकार मिले. ऐसा नहीं कि कर्मचारी सीओ जमीन किसी का और किसी का नाम कर दें.