नई दिल्ली : पकिस्तान को भारत से तब मुंह की खानी पड़ी जब भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान पर बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की जब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में फांसी की सजा दिए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की सजा पर रोक लगा दी।
ICJ के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने फैसला पढ़ते हुये यह भी कहा, ‘‘पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिये कि इस मामले में अंतिम फैसला सुनाये जाने तक जाधव को फांसी न दी जाये।’’ हालांकि भारत में कुलभूषण जाधव के जीवित होने को लेकर अभी असंतोष बना हुआ है। भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को शक है कि कुलभूषण जाधव जिंदा नहीं हैं।
भारतीय रक्षा विशेषज्ञ मारुफ रजा ने अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ पर एक डिबेट के दौरान यह सवाल खड़े किए। रजा ने कहा, “पहला काम यह होना चाहिए कि हमें यह सोचकर अपनी रफ्तार को कम नहीं करना चाहिए कि हमें यह जीत हासिल हुई है। इस समय सबसे जरूरी है कि हमें वो हर कदम उठाना चाहिए, राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय कानून दोनों स्तरों पर, कि कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस मिल सके। ताकि वह कम से कम जाधव से मिल तो पाए। इससे भारत को यह विश्वास तो होगा कि कुलभूषण जाधव जिंदा है। इंटेलिजेंस लेवल पर भी यह डर बना हुआ है कि हो सकता है कुलभूषण जाधव अब जिंदा नहीं हैं।”
बता दें कि भारत दावा करता है कि कुलभूषण जाधव इंडियन नेवी के पूर्व ऑफिसर हैं। और वे बिजनेस के सिलसिले में ईरान गये थे। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने ईरान-ब्लूचिस्तान के पास से कुलभूषण जाधव को किडनैप कर लिया और उन्हें पाकिस्तान में भारत का जासूस करार दे दिया। कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट में मुकदमा चलाया गया और उन्हें फांसी की सजा दे दी गयी। पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम कर रहा थे।