शारदा चिटफंड घोटाले में फंसे तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने शुक्रवार को जेल में खुदकुशी की कोशिश की है। घोष को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घोटाले में फंसने के बाद घोष को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। आपको बता दें कि इस घोटाले में नाम आने के बाद कुणाल घोष ही वह शख्स हैं जिन्होंने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का नाम लिया था।
बताया जा रहा है कि घोष ने ओपन कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक, घोष ने 58 नींद की गोलियां खा ली थीं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ओपन कोर्ट में सुनवाई के दौरान जेल अधिकारियों को दी, जिसके बाद उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उनके पेट की सफाई कर दी गई है और वे अब खतरे से बाहर हैं। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हुआ है कि जेल में बंद घोष तक नींद की दवाएं पहुंचीं कैसे?
जेल विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, घोष ने आत्महत्या करने की धमकी दी थी इसलिए हम पिछले दो दिन से उन पर नजर रख रहे थे। उनके सोने से पहले उनकी अच्छी तरह तलाशी ली गई थी। लेकिन तब कोई भी दवा या नींद की गोलियां उनके पास से नहीं मिली थीं। लेकिन देर रात दो बज कर करीब 30 मिनट के आसपास उन्होंने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की और कहा कि उन्होंने गोलियां खा ली हैं। इसके बाद जेल के डॉक्टरों को बुलाया गया और उनकी गहन जांच की गई लेकिन कुछ भी असामान्य नहीं पाया गया। फिर भी, जेल प्रशासन ने कोई खतरा मोल नहीं लिया।
दरअसल, सोमवार को घोष ने सीबीआई पर आरोप लगाते हुए ओपन कोर्ट में धमकी दी थी कि कुछ बड़े लोगों को बचाने के लिए उन्हें फंसाया जा रहा है और असली मुजरिम अभी भी खुले घूम रहे हैं, इसीलिए वे ज्यादा जीना नहीं चाहते। गौरतलब है कि घोष शारदा चिटफंड घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। सीबीआई उनके खिलाफ अक्टूबर 2014 में चार्जशीट भी पेश कर चुकी है। कोलकाता सेशन कोर्ट में दायर चार्जशीट में घोष के अलावा शारदा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्त सेन, उनकी नजदीकी एसोसिएट देबजानी मुखर्जी के नाम भी शामिल हैं।