स्विट्जरलैंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में चल रहे विभिन्न बैंकों में रखे गए धन के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान के लिए एक सरकारी जांच में इन भारतीयों और इकाइयों के नाम सामने आए हैं। अधिकारी ने कहा, ‘संदेह है कि इन लोगों व इकाइयों ने न्यासों, डोमिसिलिएरी कंपनियों तथा भारत से बाहर दूसरी गैरकानूनी इकाइयों के जरिये बिना कर चुकाया धन स्विस बैंकों में रखा है।
हालांकि, अधिकारी ने इन लोगों या इकाइयों और उनकी जमा रकम के बारे में नहीं बताया. अधिकारी ने गोपनीयता प्रावधान तथा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सूचना आदान-प्रदान संधि का हवाला देते हुए ब्योरा देने से इनकार किया। अधिकारी ने आगे कहा कि स्विस अधिकारी भारत की नई सरकार के साथ नजदीकी से काम करने को तैयार हैं और वे काले धन पर नवगठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) को हर जरूरी सहयोग देंगे।
हालांकि, अधिकारी ने इन दावों को खारिज कर दिया कि स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन हजारों अरब डॉलर है। स्विस नेशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश के 283 बैंकों में विदेशी ग्राहकों का कुल जमा धन 1,600 अरब डॉलर ही है। स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का धन बढ़कर 2.03 अरब स्विस फ्रैंक (14,000 करोड़ रुपये) पर पहुंचने के बारे में उन्होंने कहा कि यह धन उन ग्राहकों का है जिन्होंने खुद को भारतीय घोषित किया है ऐसे में इसके गैरकानूनी धन होने की संभावना नहीं है।
इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ ब्योरा लगातार साझा किया जा रहा है। और यह भारतीय अधिकारियों द्वारा पूर्व में मांगी गई सूचना से अलग है, जो लीक या चोरी की सूची या ‘एचएसबीसी की सूची’ के आधार पर मांगी गई थीं। स्विस सरकार एचएसबीसी की सूची के आधार पर भारतीयों का ब्योरा देने से लगातार इनकार करती रही है। यह सूची एक बैंक कर्मचारी ने चुराई थी और बाद में यह भारत सहित अन्य देशों के कर अधिकारियों के पास पहुंच गई।
भारत के कई बार आग्रह करने के बावजूद स्विट्जरलैंड ने सूचना देने से इनकार करते हुए कहा था कि उसका स्थानीय कानून गैरकानूनी तरीके से प्राप्त सूचना के आधार पर ब्योरा देने से रोकता है। एचएसबीसी की इस कथित सूची में बैंक की स्विस इकाई में काला धन रखने वाले भारतीयों और अन्य देशों के लोगों का नाम था। भारत उन 36 देशों में शामिल है जिनके साथ स्विट्जरलैंड ने कर मामलों में अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार प्रशासनिक सहयोग प्रदान करने की संधि की हुई है।