बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान अपने परिवार के भयानक अनुभव को को लेकर बात की. तापसी ने बताया कि उस वक्त उनके माता-पिता की शादी नहीं हुई थी. दंगाइयों ने शक्ति नगर स्थित उनके पिता के घर में घेर लिया था, लेकिन आस-पड़ोस के लोगों ने उन्हें और उनके पिता के परिवार को बचा लिया.
दंगाइयों ने घेर लिया था पिता का घर
The Lallantop के साथ इंटरव्यू के दौरान तापसी ने बताया कि उस वक्त उनके पैरेंट्स की शादी नहीं हुई थीं. मां ईस्ट दिल्ली में रहती थीं, तो पिता शक्ति नगर में रहते थे. तापसी पन्नू ने कहा, ”मैं उस समय के बारे में जो कुछ भी जानती हूं, वो मैंने उनसे सुना है. मेरी मां हमें बताती है कि उनके एरिया सेफ था, लेकिन शक्ति नगर में पिता का अकेला सिख परिवार था. हमारे घर के बाहर जोंगा खड़ी रहती थी और उस समय बहुत लोगों के पास कार नहीं थी”.
तलवार और पेट्रोल बम लेकर पहुंच गए थे घर
तापसी ने बताया, ”मुझे बताया गया कि उस समय लोग तलवारें, पेट्रोल बम लेकर आए तो उनको पता था कि वहां पर एक ही सिख फैमिली है. तो उस समय घरवाले लाइट बंद करके घर के अंदर छुप गए थे. भागने का तो कोई ऑप्शन था ही नहीं. क्योंकि पता था कि आसपास लोग आ चुके हैं. तो फिर भागकर कहां जाएंगे? जहां पर रहते थे रेंट पर तो उस बिल्डिंग के अंदर चार फैमिली थी. बाकी तीन हिंदू थे. गेट तक आ गए थे वो लोग और हमारी फैमिली के बार में पता किया तो बाकी हिंदू फैमिली ने बता दिया कि वो तो भाग गए हैं. फिर उनको पता चला कि ये जोंगा हमारी है, तो फिर उसे आग लगा दी. इस तरह बच गए क्योंकि आसपास मोहल्ले वालों ने बचा लिया.