दुनिया की सभी स्त्री को अपनी मुक्ति के लिए अपने व्यक्तित्व को खड़ा करने की
आज का युवा जहां रूढ़ीवाद, परंपरागत, कर्मकांडी सोच और बाबाओं के चक्कर में फंसा हुआ
ओशो कहते हैं मैं अकेला महसूस करता हूँ, जो कि ठीक हैं लेकिन मैं
यदि आप सच में विचार करेंगे तो यही जानेंगे कि हमारे जीवन में कोई रहस्य