मुंबई : 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में मुंबई की स्पेशल टाडा कोर्ट ने डॉन अबू सलेम और करीमुल्लाह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं मुख्य आरोपी में शामिल ताहिर मर्चेंट को फांसी की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट के फैसले से पहले कोर्ट के अंदर करीमुल्ला और रियाज दुआ कर रहे थे। 16 जून 2017 को कोर्ट ने इस केस में अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, उसके भाई मोहम्मद दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, मर्चेंट ताहिर और करीमुल्लाह शेख को दोषी करार दिया था। इनमें से मुस्तफा दौसा की 28 जून को हार्टअटैक से मौत हो गई थी।
गैंगस्टर अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि (extradition treaty) होने की वजह से कोर्ट सलेम को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दे सकती है। माना जा रहा है कि उसे ज्यादा से ज्यादा 25 साल तक की सजा दी जा सकती है। सजा पर बहस के दौरान प्रॉसिक्यूशन ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी।