25 मिनट तक चली बातचीत में राहुल ने अध्यादेश पर अपनी नाराजगी से पीएम को अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने राहुल को भरोसा दिया है कि वह उनकी चिंताओं को कैबिनेट के सामने रखेंगे। सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने प्रधानमंत्री से कहा कि उन्होंने सिर्फ जनभावना का ख्याल रखते हुए अध्यादेश का विरोध किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि उनका मकसद उनका दिल दुखाना नहीं है। राहुल ने पीएम से कहा कि राष्ट्रपति ने भी अध्यादेश को लेकर एतराज जताया था।
इस बैठक में वित्त मंत्री पी चिदंबरम और रक्षा मंत्री एके एंटनी निजी कारणों से शामिल नहीं हो सके। चिदंबरम श्रीनगर में हैं और एंटनी अस्पताल में हैं। सूत्रों के मुताबिकए कांग्रेस कोर ग्रुप अध्यादेश वापस लेने के पक्ष में है।
गौरतलब है कि, राहुल ने अध्यादेश पर खुलेआम नाराजगी जताई थी, राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी राय में यह अध्यादेश पूरी तरह बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए। इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने भी पलटी मारते हुए कहा था कि राहुल की राय ही पार्टी की राय है। उस वक्त प्रधानमंत्री अमेरिका में थे। वह कल ही अमेरिका से लौटे हैं। सूत्रों के मुताबिक़, प्रधानमंत्री इस बातचीत से संतुष्ट हैं और उन्होंने राहुल की बात मान ली है।