नई दिल्ली : सरकार ने मोबाइल फोन चोरी की घटनाएं रोकने के लिए सख्त कदम उठाये हैं। मोबाइल फोन की विशेष पहचान वाले IMEI नंबर से छेड़छाड़ करना अपराध माना जाएगा और इस पर 3 साल की कैद और जुर्माना दोनों सजा हो सकती है।
मोबाइल उपकरण पहचान नंबर (IMEI) 15 अंकों का होता है जो मोबाइल फोन में दर्ज रहता है। दूरसंचार विभाग ने 25 अगस्त को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, अगर अब कोई जानबूझकर IMEI नंबर से छेड़छाड़ करता है तो उसके खिलाफ पुलिस और केंद्रीय या राज्य की एजेंसियां टेलीग्राफ कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर सकती हैं। अदालतें ऐसे मामलों में अधिकतम तीन साल की कैद की सजा और जुर्माना लगा सकती हैं। जुर्माने की राशि अधिकतम दो लाख रुपये तक हो सकती है।
जानिए, क्या है IMEI नंबर
जब भी कोई यूजर कॉल करता है तो कॉल रिकॉर्ड में कॉलर का फोन नंबर और उस हैंडसेट का IMEI नंबर दर्ज होता है, जिससे फोन किया गया है। सिम बदलकर हैंडसेट में मोबाइल नंबर तो आसानी से बदला जा सकता है, लेकिन आईएमईआई नंबर में बदलाव तकनीक का जानकार व्यक्ति ही कर सकता है।
वह मोबाइल हैंडसेट के सॉफ्टवेयर में विशेष उपकरण के जरिए IMEI नंबर बदल सकता है। IMEI नंबर का आवंटन वैश्विक संस्था GSM और इसके द्वारा अधिकृत संस्थाएं करती हैं। जब भी किसी व्यक्ति का मोबाइल फोन चोरी होता है तो उसे हैंडसेट की ट्रैकिंग के लिए IMEI नंबर बताना जरूरी होता है।