नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से खोजी पत्रकार और तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने यौन उत्पीड़न संबंधी मामले पर उनकी याचिका को रद्द कर दिया है और साथ ही कोर्ट ने गोवा की निचली अदालत में सुनवाई पर लगी रोक को भी हटा लिया है।
याचिका में तरुण तेजपाल की ओर से उनके खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने की मांग की थी। तरुण तेजपाल पर 2013 में महिला सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न और रेप करने का आरोप लगा है। कोर्ट ने कहा कि तेजपाल पर गंभीर श्रेणी के आरोप हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिए हैं कि वे 6 महीने में इस मामले का ट्रायल पूरा करें। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने निचली अदालत से इस मामले को प्राथमिकता देने के लिए कहा है।
सहकर्मी ने लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप : तरुण तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में एक फाइव स्टार होटल के एलीवेटर में कथित तौर पर अपनी महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया। हालांकि तेजपाल आरोप इनकार करते रहे हैं। तरुण तेजपाल को 30 नवंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था और अदालत की ओर से उनकी अग्रिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया था।
गोवा की अदालत की ओर से आरोप तय किए जाने के बाद की ओर से तेजपाल ने बंबई हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने हाईकोर्ट में आरोप खारिज करने की याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका को नामंजूर कर दिया है। 2014 से तरुण तेजपाल मामले में जमानत पर बाहर हैं।