कांग्रेस ने दी अलग तेलंगाना को मंजूरी, 10 साल तक हैदराबाद होगी साझा राजधानी

telangaanaa seprtकांग्रेस वर्किंग कमिटी ने अलग तेलंगाना राज्यग के गठन को मंजूरी दे दी। तेलंगाना क्षेत्र के लोगों की पांच दशक पुरानी मांग को पूरा करते हुए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने मंगलवार को आंध्रप्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की स्वीकृति देने का निर्णय लिया। कांग्रेस प्रवक्ताक अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंनस में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस की बैठक में सर्वसम्मति से तेलंगाना पर प्रस्तांव मंजूर कर लिया गया। अब तेलंगाना भारत का 29 वां राज्य होगा।

संप्रग के इस निर्णय से तेलुगूभाषी लोगों के लिए दो राज्य बन जाएंगे। संप्रग की समन्वय समिति ने नई दिल्ली में अलग तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री के निवास पर मंगलवार को हुई बैठक के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा, सभी दलों ने सर्वसम्मति से तेलंगाना के पक्ष में निर्णय लिया है।

वहीं दूसरी ओर अलग तेलंगाना बनाने के एलान के खिलाफ गुंटूर से कांग्रेस के सांसद रायपति संबाशिवा राव ने इस्तीफा दे दिया है। संबाशिवा राव अभी अमेरिका में हैं। अमेरिका से ही उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा है। दूसरी ओर अलग तेलंगाना राज्य बनाने के मसले पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जीओएम यानी मंत्रियों के समूह के गठन को मंजूरी दी जा सकती है। जीओएम में गृहए वित्त और मानव संसाधन जैसे नौ अहम विभागों के मंत्रियों के अलावा योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी शामिल होंगे।

वहीं दूसरी तरफ, जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री तथा संप्रग के घटक दलए नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि आंदोलन के आधार पर नए राज्य के गठन से खतरनाक परिपाटी बनेगी । अब्दुल्ला ने कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों में उपद्रवों को बढ़ावा मिलेगा।

उधर आंध्र प्रदेश के ही कुछ कांग्रेस सांसद भी अलग तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध कर रहे हैं, और इस संबंध में पिछले सप्ताह उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर राज्य को विभाजित न करने की मांग की थी।

अलग तेलंगाना राज्य के गठन का फैसला होने के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में भी अलग राज्यों की मांग फिर से तेज होने लगी है। यूपी में हरित प्रदेश की मांग हो रही है तो पश्चिम बंगाल में गोरखालैंड की। महाराष्ट्र में भी विदर्भ के गठन की मांग फिर से जोर पकड़ रही है।