नई दिल्ली : कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के दावों को धता बताते हुए आतंकियों ने सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर हुए एक आतंकी हमले में छह तीर्थयात्री मारे गए हैं जबकि 12 अन्य घायल हो गए हैं। यह हमला अनंतनाग जिले में हु। यह पहली बार है जब आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने एक बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और इसके बाद फरार हो गए।
आतंकवादियों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा में लगे पुलिस काफिले पर भी फायरिंग की। उनकी तलाश के लिए सुरक्षाबलों ने अभियान शुरू कर दिया है। हमले में घायल लोगों को अनंतनाग के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद जम्मू हाइवे पर यातायात रोक दिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस बस पर हमला हुआ। वह अमरनाथ यात्रा के मुख्य काफिले का हिस्सा नहीं थी। उसका अमरनाथ श्राइन बोर्ड में भी पंजीकरण नहीं किया गया था। खबर है कि मुख्य काफिले को सीआरपीएफ के सुरक्षा बंदोबस्त में ले जाया जा रहा था।
उधर, इस हमले की चौतरफा निंदा हो रही है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसी घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई है। राज्य सरकार ने भी इसे कश्मीर के इतिहास का काला धब्बा बताया है। 29 जून को शुरु हुई इस यात्रा के लिए इस बार करीब एक लाख 20 हजार यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग पर अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले पर सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गहरा दुख और गुस्सा जाहिर किया है। अनंतनाग हास्पिटल पहुंचकर घायल यात्रियों का हालचाल लिया। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले से सारे कश्मीरियों के सिर शर्म से झुक गए हैं। उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बीच लोग यहां अमरनाथ यात्रा के लिए आते हैं और उनपर हुए हमले की जितनी निंदा की जाए कम है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारी पुलिस और सुरक्षाबल हमले के दोषियों को जल्द पकड़कर कड़ी-कड़ी से सजा देगी। उन्होंने कहा कि हमले में शामिल लोगों ने कश्मीर और मुस्लिमों के नाम पर बड़ा धब्बा लगा दिया है।