जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी में सेना के एक कैंप पर आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर दिया। यहाँ सीमा पार से भारी हथियारों से लैस आतंकी उरी इलाके में घुस आए और तड़के 3:30 बजे अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में सेना के आठ जवान और तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए। मुठभेड़ में छह आतंकियों को भी मार गिराया गया। मुठभेड़ के दौरान तीन ग्रेनेड ब्लास्ट भी हुए।
प्ररधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीनगर दौरे से दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर में लगातार तीन आतंकी हमले हुए। खबर के अनुसार, पहला आतंकी हमला एलओसी से सटे बारामुला जिले के उड़ी सेक्टर में एक सैन्य शिविर पर हुआ जिसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल, एक जेसीओ, पांच सैनिक, तीन पुलिसकर्मियों समेत दस सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। मारे जाने से पहले आतंकियों ने शिविर के एक हिस्से में शस्त्र भंडार में कथित तौर पर आग भी लगा दी।
आतंकी हमले के बाद बारामुला-मुजफ्फराबाद सड़क मार्ग को आम यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली और हमलावर आतंकियों के अन्य साथियों की धरपकड़ के लिए सघन तलाशी अभियान छेड़ दिया है। सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
आतंकी हमले का निशाना बना सैन्य प्रतिष्ठान सेना की 31 फील्ड रेजिमेंट से संबधित है। यह उड़ी कस्बे से पहले मोहुरा गांव में झेलम के किनारे है। इसी शिविर से कुछ दूरी पर उड़ी जलविद्युत परियोजना भी है।
गौरतलब है कि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए अब तक हुए दो चरणों के मतदान के दौरान बंपर वोटिंग हुई है, जिससे ये साफ पता चलता है कि लोग खौफ के साये से निकलकर अपने मताधिकार का जमकर प्रयोग कर रहे हैं। आतंकी इससे बौखलाए हुए हैं और यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में वहां ऐसी घटनाओं में तेजी देखी जा रही है।
माना जा रहा है कि यह हमलावर पाकिस्तान की ओर से हाल ही में आए घुसपैठिए हो सकते हैं, जिनका मकसद प्रधानमंत्री के कश्मीर दौरे और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर घाटी की शांति भंग करना हो सकता है।