पेरिस में बुधवार को एक पत्रिका के कार्यालय पर हुए हमले के बाद सुबह दक्षिणी पेरिस में गोलीबारी तथा अब कुछ मस्जिदों पर हमला किए जाने की खबर है।पेरिस में लगातार दूसरे दिन भी एक बंदूकधारी ने हमला किया। इस फायरिंग में दो अधिकारी घायल हुए, इनमें एक पुलिस अधिकारी है और एक सरकारी कर्मचारी बताए गए हैं। बाद में घायल महिला पुलिस अधिकारी की मौत हो गई।
इस मामले में 52 साल के एक शख्स को हिरासत में लिया गया है। अब से कुछ देर पहले खबर आई है कि फ्रांस के लियां में कबाब की एक दुकान में विस्फोट हुआ है।
वहीं पेरिस में बुधवार को पत्रिका के दफ्तर पर हमला करने वाले हमलावरों की पुलिस ने पहचान कर ली है। पुलिस का दावा है कि हमलावरों के नाम सईद क्वाचि, शरीफ़ क्वाचि और हामिद मुराद हैं। खबरों के मुताबिक, सईद और शरीफ दोनों भाई हैं और इन दोनों का जन्म पेरिस में हुआ था। इनकी उम्र 34 साल और 32 साल है। वहीं तीसरे हमलावर की उम्र 18 साल बताई जा रही है।
फ्रेंच पुलिस के मुताबिक, सबसे कम उम्र के हमलावर हामिद मुराद ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने के बाद हामिद मुराद ने खुद को बेकसूर बताया है। हामिद के साथियों ने भी ट्विटर पर उसे बेक़सूर बताया है। मुराद का कहना है कि सोशल साइट्स पर उसने अपना नाम और तस्वीर देखकर सरेंडर किया। बुधवार को इन हमलावरों ने पेरिस में फ्रेंच व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली एब्दो’ के दफ्तर पर हमला किया था। इस गोलीबारी में पत्रिका के संपादक समेत 12 लोग मारे गए। इस हमले में पत्रिका के संपादक के अलावा कार्टूनिस्ट और कई पत्रकार शामिल हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इसे आतंकी हमला बताया है और दोषियों को कड़ी सज़ा देने की बात कही है। हमले के बाद पेरिस में लोग सड़कों पर निकले और मैगज़ीन के दफ्तर के बाहर इकट्ठा हुए और हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
सरकार ने वृहद पेरिस क्षेत्र समेत पूरे देश में हाई अलर्ट जारी किया है। कड़ी सुरक्षा के बीच घटनास्थल के पास के सभी प्रतिष्ठानों को खाली कराया गया। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने हमले के बाद मध्य पेरिस स्थित घटनास्थल का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि चार्ली हेब्दो पत्रिका के दफ्तर पर गोलीबारी स्तब्ध कर देने वाला आतंकी हमला है। ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार है। पत्रिका को पहले भी हमले की धमकियां मिलती रही थीं इसलिए यहां सुरक्षा प्रबंध भी थे। अभी तक किसी आतंकी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। ओलांद ने आपात कैबिनेट बैठक भी बुलाई।
दरअसल इस्लाम विरोधी मानी जाने वाली चार्ली हेब्दो नामक साप्ताहिक पत्रिका धार्मिक कïट्टरवाद पर तंज कसती रही है। इस फ्रेंच पत्रिका ने फरवरी 2006 में डेनमार्क के अखबार जायलैंड पोस्टेन में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों की शृंखला को वर्ष 2011 में दोबारा प्रकाशित किया था। उसके बाद दफ्तर में आगजनी हुई थी। हाल ही में चार्ली हेब्दो के एकाउंट पर किए गए ट्वीट में आतंकी गुट आइएस सरगना अबू बकर अल बगदादी का भी मजाक बनाया गया। पत्रिका के संपादक स्टीफेन कारबोनियर को हत्या की धमकी मिल चुकी थी और उन्हें पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी।
सरकार ने वृहद पेरिस क्षेत्र समेत पूरे देश में हाई अलर्ट जारी किया है। कड़ी सुरक्षा के बीच घटनास्थल के पास के सभी प्रतिष्ठानों को खाली कराया गया। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने हमले के बाद मध्य पेरिस स्थित घटनास्थल का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि चार्ली हेब्दो पत्रिका के दफ्तर पर गोलीबारी स्तब्ध कर देने वाला आतंकी हमला है। ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार है। पत्रिका को पहले भी हमले की धमकियां मिलती रही थीं इसलिए यहां सुरक्षा प्रबंध भी थे। अभी तक किसी आतंकी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। ओलांद ने आपात कैबिनेट बैठक भी बुलाई।
दरअसल इस्लाम विरोधी मानी जाने वाली चार्ली हेब्दो नामक साप्ताहिक पत्रिका धार्मिक कïट्टरवाद पर तंज कसती रही है। इस फ्रेंच पत्रिका ने फरवरी 2006 में डेनमार्क के अखबार जायलैंड पोस्टेन में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों की शृंखला को वर्ष 2011 में दोबारा प्रकाशित किया था। उसके बाद दफ्तर में आगजनी हुई थी। हाल ही में चार्ली हेब्दो के एकाउंट पर किए गए ट्वीट में आतंकी गुट आइएस सरगना अबू बकर अल बगदादी का भी मजाक बनाया गया। पत्रिका के संपादक स्टीफेन कारबोनियर को हत्या की धमकी मिल चुकी थी और उन्हें पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पेरिस में हुए बर्बर और कायरतापूर्ण आतंकी हमले की निंदा की है। 15 सदस्यीय परिषद ने एक बयान में कहा कि पत्रकारों और एक पत्रिका को निशाना बनाने वाले इस असहनीय हमले की सुरक्षा परिषद के सदस्य कड़ी निंदा करते हैं। परिषद ने हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने पर जोर दिया।