बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की टीम हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर शफी शाह को लेकर सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल पहुंची। भारी पुलिस बल व जम्मू-कश्मीर पुलिस को देखकर एक बार तो अस्पताल परिसर में मौजूद लोग भी सकते में आ गए। शफी शाह जम्मू-कश्मीर स्थित बांदीपोर जिले के पपचन गांव का रहने वाला है। 2006 से 2009 तक वह हिजबुल मुजाहिद्दीन का उत्तरी कश्मीर का कमांडर था।
2011 में उसे मुठभेड़ के दौरान जम्मू ‘कश्मीर नुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जब उससे पूछताछ की गई तो उसकी निशानदेही पर कई बैंकों के खाते मिले थे। इसमें कई खाते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भी हैं। इन खातों में पाकिस्तान से लाखों रूपये की टेरर फंडिंग की गई है। शफी शाह हिजबुल मुजाहिद्दीन के संस्थापक गुर्गों में से हैं। शुरूआती दौर में अपने गांव के आसपास आतंक फैलाने के बाद उसे पूरे उत्तरी कश्मीर की कमान दे दी गई। वर्ष 2006 से 2009 तक वह कई बम ब्लास्ट व आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा।
जिन बैंक खातो की जांच अब तक की गई है। उनसे यह पता चला है कि इन खातों में पाकिस्तान से पैसे बाए हैं। इसके बाद से NIA टीम सतर्क थी। हालांकि, इन खातों को सील कर दिया गया है। देश के अंदर आतंकी गतिविधियों को फैलाने व उसकी जड़ें जमबूत करने में पाकिस्तान का हाथ है। यह बात इन खातों से फिर साबित हुआ है। हालांकि, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ व दोनों देशों की द्विपक्षिय बातचीत में टेरर फंडिंग से बार-बार नकारता रहता है।