नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को पटाखा व्यापारियों ने गुहार लगाई है। पटाखा व्यापारियों का कहना है कि कोर्ट उन्हें पटाखे बेचने की अनुमति दे वरना उनके बच्चे दिवाली पर भूखे रहेंगे।
व्यापारियों ने कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर लगाया गया बैन भले ही राजधानी की हवा ज्यादा गंदी होने से बचा ले, लेकिन बैन पटाखा उद्योग से जुड़े लाखों कामगारों का सांस लेना मुश्किल होना तय है। देश में पटाखों के मैन्युफैक्चरिंग हब तमिलनाडु का शिवकाशी दिल्ली में लगे इस बैन से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
आपको बता दें कि शिवकाशी का पटाखा उद्योग 7 हजार करोड़ रुपये का है और देश के कुल पटाखा उद्योग में इसकी हिस्सेदारी 85 प्रतिशत है। पटाखा बैन से पटाखा उद्योग को करीब 1,000 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है।
तमिलनाडु के इस छोटे से शहर में पटाखा बनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नाराज और डरे हुए हैं। उन्हें डर इस बात का है कि दिल्ली में पटाखा बैन के बाद अन्य राज्य भी ऐसा आदेश न जारी कर दें। शिवकाशी में पटाखा उद्योग से सीधे तौर पर करीब 3 लाख वर्कर जुड़े हुए हैं वहीं यह उद्योग 5 लाख वर्कर्स को अप्रत्यक्ष रूप से काम देता है। पटाखा बनाने वालों का कहना है कि दिवाली के समय ही उन्हें सबसे अधिक प्रॉफिट होता है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी।