यहां तक कि वह केंद्रीय मंत्रियों का पर्सनल सेक्रेटरी भी बन गया। क्राइम ब्रांच के अडिशनल कमिश्नर रवीन्द्र सिंह यादव के मुताबिक, आरोपी नचिकेता कपूर के खिलाफ इस मामले में चार्चशीट दायर कर दी गई है। तहकीकात के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि नचिकेता ने डीयू से ग्रैजुएशन की फर्जी डिग्री दिखाकर दिसंबर 2004 में नैशनल सिक्युरिटी काउंसिल में नौकरी हासिल कर ली थी। अगले साल उसने केंछ्रीय पर्यटन मंत्रालय में ओएसडी और उससे अगले साल महिला और बाल विकास मंत्रालय में भी अधिकारी का पद हासिल कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, कॉम्मनवेल्थ गेम्स की तैयारियों के दौरान नचिकेता कपूर डीयू की फर्जी डिग्री से ही ऑग्र्रेनाइजिंग कमिटी में डिप्टी डायरेक्टर जनरल (प्रोटोकॉल एंड मीडिया रिलेशंस) बन गया। आखिरकार किसी ने कमिटी में कंप्लेंट कर बताया कि उसकी ग्रैजुएशन की डिग्री फर्जी है और वह नौंवी क्लास भी पास नहीं कर पाया था। कमिटी ने डीयू से जानकारी देने के लिए कहा तो कपूर ने डीयू की ओर से एक फर्जी लेटर भिजवा कर खुद की डिग्री असली बता दी। एक बार क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर तहकीकात शुरू की, जिसके बाद मामले में खुलासा हो पाया है।