अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की प्रगति अपना रंग दिखा रही है। अंतरिक्ष में इंसान को भेजने का भारत का सपना जल्द पूरा हो सकता है।गुरुवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारत में बना सबसे बड़ा रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 को लॉन्च किया जाएगा।
जिओ सिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल यानी जीएसएलवी मार्क-3 की यह पहली टेस्ट फ्लाइट है। अगर यह लॉन्च सफल होता है तो भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जो अंतरिक्ष में बड़े सेटेलाइट भेजने की काबिलियत रखते हैं।जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट के साथ इंसान को अंतरिक्ष में ले जाने वाले यान को भी लॉन्च किया जाएगा। मानवरहित इस यान को फिलहाल टेस्ट किया जा रहा है। यह यान 2-3 लोगों को अंतरिक्ष में ले जा सकता है।
जीएसएलवी मार्क-3 को सुबह 9.30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा, जिसके लिए काउंटन डाउन शुरू हो चुका है। इस रॉकेट का वजन 630 टन है। इसकी ऊंचाई करीब 42 मीटर है और यह 4 टन का वजन ले जा सकता है। जीएसएलवी मार्क-3 को बनाने में 160 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
यह यान 125 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा, फिर पैराशूट के सहारे धरती पर लौटेगा। बंगाल की खाड़ी में यह यान लैंड करेगा, जहां इसे बाहर निकालने के लिए भारतीय जहाज़ मौजूद रहेंगे। फिलहाल रूस, अमेरिका और चीन के पास इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की काबिलियत है। अगर इसरो का यह टेस्ट कामयाब होता है तो भारत भी इन देशों की लीग में शामिल हो जाएगा।