सिडनी में अपनी एक प्रभावी छाप छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कैनबरा पहुंचे। अपनी 10 दिवसीय विदेश यात्रा पर निकले मोदी ने यहां ऑस्ट्रेलिया की संसद को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया, जबकि ऑस्ट्रेलियाई पीएम टोनी एबॉट समेत विपक्षी दलों ने मोदी की राजनीति से सीख लेने की बात कही।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद को सारे विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए व्यापक वैश्विक रणनीति बनाकर उन देशों को अलग-थलग करना होगा जो इसे बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘आतंकवाद हम सब के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। भारत पिछले तीन दशक से इसका सामना कर रहा है। इसका चरित्र बदल रहा है और यह अपनी पहुंच का भी विस्तार कर रहा है। इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए हमें व्यापक वैश्विक रणनीति बनानी चाहिए और देशों के बीच अंतर किए बिना उन्हें अलग थलग करें जो इसे बढ़ावा दे रहे हैं।
मोदी ने सुझाव दिया कि जहां यह आतंकवाद सबसे अधिक है, वहां हमें इसके खिलाफ सामाजिक आंदोलन चलाना होगा। आतंकवाद के खिलाफ व्यापक रणनीति बनाने की अपील के साथ उन्होंने आगाह किया, ‘धर्म और आतंकवाद को जोड़ने के सभी प्रयासों को विफल किया जाए। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद दुनिया में इंटरनेट के जरिए भर्ती (आतंकियों की), धन शोधन, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के जरिए अपने पैर तेजी से पसार रहा है। इसे रोके जाने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग किए जाने की सख्त जरूरत है।