नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि लाखों ड्रीमर्स को वैधानिकता प्रदान करने के लिए अब समझौता नहीं किया जाएगा। बचपन में बिना वैध कागजात के अमेरिका आए अप्रवासियों को ड्रीमर्स कहा जाता है। साथ ही ट्रंप ने मैक्सिको को चेतावनी दी कि अपने नागरिकों को अमेरिका आने से नहीं रोका तो उसके साथ मुक्त व्यापार समझौता खत्म कर दिया जाएगा।
ट्रंप ने रविवार को एक ट्वीट कर कहा, ‘डीएसीए डील अब और नहीं।’ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल (डीएसीएए) कार्यक्रम बनाया था। इसके तहत बचपन में अवैध तरीके से अमेरिका लाए गए लाखों अप्रवासियों को अस्थायी संरक्षण और वर्क परमिट दिया गया। ट्रंप ने पिछले साल इस कार्यक्रम को बंद कर दिया और संसद को इस संबंध में कानून बनाने के लिए छह महीने का समय दिया था।लेकिन इस मामले में समझौते को लेकर अब तक टाल-मटोल होता रहा।
ट्रंप ने ड्रीमर्स को संरक्षण देने में विफल रहने के लिए डेमोक्रेट सांसदों को जिम्मेदार बताया। गृह सुरक्षा विभाग नया परमिट जारी नहीं कर रहा है लेकिन पुराने का नवीकरण हो रहा है। पाम बीच स्थित अपने घर के नजदीक चर्च में ईस्टर में शामिल होने से पहले ट्रंप ने कहा कि मैक्सिको को सीमा पर हमारी मदद करनी चाहिए। बड़ी संख्या में वहां से लोग आ रहे हैं क्योंकि वे डीएसीए का लाभ उठाना चाहते हैं।
ट्रंप ने अपने ट्वीट में भी कहा कि स्थिति ज्यादा खतरनाक हो रही है। डेमोक्रेट के उदार कानून के चलते सीमा पर गश्त करने वाले कर्मी ठीक तरीके से अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। इस कानून के तहत अवैध रूप से आने वाले लोग पकड़े जाने के बाद मुकदमे के दौरान छूट जाते हैं। ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान मैक्सिको से अवैध आव्रजन और ड्रग्स को रोकने के लिए दक्षिणी सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया था।
जानिए, क्या है ड्रीमर पॉलिसी?
साल 2012 में ड्रीमर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में शुरू किया एक सरकारी कार्यक्रम था।इसके तहत गैरकानूनी ढंग से अमेरिका पहुंचे बच्चों को अस्थायी रूप से रहने, पढ़ने और काम करने का अधिकार दिया गया। यह नीति आप्रवासियों की कानूनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं करती है लेकिन उन्हें निर्वासन से जरूर बचाती है। ड्रीमर इसके तहत आवेदन देते हैं उनके आपराधिक रिकॉर्ड और दूसरी बातों का वेरिफिकेशन किया जाता है। इसमें पास हो जाते हैं, उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस, कॉलेज में दाखिला, वर्क परमिट की अनुमति मिल जाती है। वहीं, जो पास नहीं हो पाते उन्हें वापस भेज दिया जाता है।