नई दिल्ली : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब भारतीय मूल के एक और अंतरिक्ष यात्री को उड़ान भरने के लिए चुना है। राजा चारी को 2017 के नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम की क्लास में हिस्सा लेंगे। BBC से बात करते हुए राजा चारी ने कहा, “मुझे तो अब भी यक़ीन नहीं आ रहा। मुझे तो अब भी सपने जैसा लग रहा।”
राजा चारी ने बताया कि भारत से उनके परिवार वाले बधाई के संदेश भेजते रहे हैं। उनके पिता का निधन 2009 में हो गया था। उनके परिवार के बहुत से लोग अब भी भारत में रहते हैं। भारतीय मूल की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद अब राजा चारी तीसरे भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री होंगे। राजा चारी ने 2012 में सुनिता विलियम्स से मुलाकात भी की थी।
अमेरिकी में भारतीय मूल के युवाओं और भारत में युवाओं के लिए प्रेरणा के बारे में राजा चारी कहते हैं, “यह तो अद्भुत होगा। मुझे तो बहुत खुशी होगी अगर मैं किसी के लिए प्रेरणा बनूं। मैं भी अपने रोल मॉडल से प्रेरित हुआ था। मैं उम्मीद करता हूं कि अगर एक व्यक्ति भी मुझसे प्रेरणा लेकर मेहनत और लगन से अपने पसंद के क्षेत्र में उन्नति करे तो मुझे बहुत खुशी होगी।”
राजा चारी विस्कॉंसिन के मिलवौकी शहर में जन्मे और उन्होंने आयोवा के सीडर फ़ाल्स शहर में स्कूली पढ़ाई की। अब वह वाटरलू शहर में अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते हैं। चारी ने 1999 में अमेरिकी वायु सेना अकादमी से एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद एमआईटी से एस्ट्रोनॉटिक्स और एयरोनॉटिक्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने अमेरिकी नौसेना टेस्ट पायलट स्कूल से कोर्स पूरा किया। राजा चारी ने अमेरिकी वायु सेना अकादमी से भी पायलट की ट्रेनिंग हासिल की।
उन्होंने एफ़-35, एफ़-15, एफ़-16, एफ़-18 जैसे अमेरिकी लड़ाकू विमानों की उड़ानें भरी हैं। 39 वर्षीय राजा चारी अमेरिकी वायु सेना में लेफ़्टिनेंट कर्नल के पद पर हैं। अमेरिकी वायु सेना के लिए राजा चारी ने इराक़ युद्ध के दौरान एफ़-15ई लड़ाकू विमान की उड़ानें भी भरी थीं। 2013 में पहली बार राजा चारी ने नासा के लिए कोशिश की थी लेकिन उस बार नहीं चुने गए थे। वो नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम के एस्ट्रोनॉट्स की वर्ष 2017 की 22वीं क्लास के 12 ट्रेनीज़ में शामिल रहे हैं। इसमें सात पुरुष और पांच महिलाएं शामिल हैं। इन 12 लोगों को कुल 18 हज़ार 300 उम्मीदवारों में से चुना गया है।