नई दिल्ली : देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देश में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए कुछ छूट दिए जाने के एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि अगर देश कोरोना वायरस के संकट से बेहतर ढंग से निपटने में सफल रहता है तब बंदी के नियमों में और छूट दी जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थाई रूप से लॉकडाउन को जारी नहीं रख सकते।
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भाषा को दिए इंटरव्यू में लोगों से अपील की कि ‘वे जहां भी हैं, वहीं रहें’ और इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुरोध का पूरी तरह से पालन करें।
केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसें भेजने के उत्तरप्रदेश सरकार के निर्णय पर विवाद उत्पन्न हो गया है।
जावड़ेकर ने कहा कि मैं किसी एक घटना विशेष में नहीं जाना चाहता लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने लोगों को पेश आने वाली उन कठिनाइयों के बारे में बात रखी है, जब लोग घर से बाहर होते हैं। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि जहां हैं, वहीं रहें। यह मुख्य बात है।
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा था कि यह लॉकडाउन की भावना के खिलाफ है। कुछ विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया है कि सरकार अनेक स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों के घर लौटने की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है। जावड़ेकर ने कहा कि हमारी नीति है कि जहां हैं, वहीं रहें और एक-दूसरे की मदद करें।
कोरोना वायरस से मुकाबला करने के लिए उपाय सुझाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) के सदस्य जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया के कुछ दूसरे देशों के विपरीत कोविड-19 से निपटने को लेकर हमारे देश में दुविधा या भ्रम की स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों के नेताओं में मुद्दे पर दुविधा की स्थिति रही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री इस स्थिति को लेकर किसी दुविधा में नहीं हैं, वे जानते हैं कि क्या करना है और कब करना है, इसलिए उन्होंने सही समय पर लॉकडाउन लागू करने का आह्वान किया। और अब लॉकडाउन जारी रखते हुए आंशिक रूप से आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि संक्रमण के बढ़ने की दर अपेक्षाकृत काफी कम है और जिसकी दुनिया सराहना कर रही है। 1.3 अरब आबादी को देखते हए हम कह सकते हैं कि हम अभी तक इससे अच्छी तरह से निपट सके हैं।
मंत्री ने कहा कि अगर यह (सुधार) जारी रहता है तब लोगों को और राहत मिल सकती है। जावड़ेकर ने कहा कि 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट मुख्य रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए है। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि आने वाले समय में स्थिति में सुधार के साथ शहरों में भी आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अलग तरह की आपदा है जिसका सामना दुनिया को करना पड़ रहा है। भारत ने भी लॉकडाउन को लागू किया है जो काफी सफल रहा है और इसकी दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है। यही कोरोना से लड़ने का रास्ता है, लेकिन इसके बावजूद हम स्थायी तौर पर लॉकडाउन नहीं कर सकते। इसलिए अर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की जरूरत महसूस हुई।
जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया ने देखा है कि ऐसी महामारी की स्थिति में जिस देश ने लोगों की जान बचाने का काम किया उसकी ही स्थिति बेहतर हुई है। और इसलिए हमने लोगों की जान बचाने का काम किया है और इसके साथ ही हमें आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की जरूरत है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ गतिविधियां शुरू करने की बात कही है।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि लॉकडाउन महामारी का समाधान नहीं है, केंद्रीय मंत्री ने इस पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को कोविड-19 के बारे में दूसरों से अधिक ज्ञान होगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि दुनिया ने समय पर लॉकडाउन करने और उसे अच्छे ढंग से लागू करने पर भारत की सराहना की। कुछ पश्चिमी देशों की तुलना में हमने काफी अच्छा काम किया है। उनका परोक्ष संदर्भ अमेरिका, फ्रांस, इटली जैसे देशों को लेकर था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 15,712 मामले सामने आए हैं और इससे 507 लोगों की मौत हो चुकी है।
20 अप्रैल से आर्थिक गतिविधियों में आंशिक छूट के संदर्भ में जावड़ेकर ने कहा कि क्या क्या खोला जा रहा है, इसे अगर हम व्यक्त करना चाहें तो… कृषि गतिविधियां पूरी तरह से खुलेंगी (एटूजेड) जिसमें खेती से लेकर कृषि परिवहन, विपणन, मत्स्य क्षेत्र, डेयरी सहित सभी संबद्ध गतिविधियां एवं प्रसंस्करण इकाइयां शुरू हो रही है।
उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी राहत भरा कदम है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में स्थित उद्योग, औद्योगिक इस्टेट्स, निर्यात उन्मुख क्षेत्र, निर्यात उन्मुख विशेष आर्थिक क्षेत्र सभी काम करने लगेंगे।
उन्होंने कहा कि हालांकि इन्हें कुछ एहतियात बरतना होगा, मसलन अपने कामगारों के लिए समर्पित परिवहन व्यवस्था करनी होगी, सामजिक दूरी का पालन करना होगा, साथ ही यह बेहतर होगा कि वे अपने कार्यबल का 50 प्रतिशत का उपयोग करें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी तरह की माल ढुलाई शुरू हो जाएगी। अभी तक केवल आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई हो रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा का काम शुरू होने जा रहा है। ऐसे में जिनको रोजगार का नुकसान उठाना पड़ा है, उन्हें तत्काल करीब 200 रुपए प्रतिदिन मिलने लगेगा। हमने मनरेगा भुगतान में प्रतिदिन के हिसाब से 20 रुपए की वृद्धि भी की है। इसका लाभ बड़ी संख्या में लोगों को होगा। मनरेगा में हम जल से जुड़े कार्यो पर खास ध्यान दे रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि 28 दिनों के बाद सड़क एवं राजमार्गों के निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही निर्माण एवं खनन गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह से कल से वास्तविक आर्थिक गतिविधियां से शुरू होंगी। यह अच्छा होगा। केवल शहरों में कुछ रोक रहेगी, लेकिन मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में वहां भी आर्थिक गतिविधियां शुरू हो सकेंगी। जावड़ेकर ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जल्द से जल्द हम टीका विकसित कर सकेंगे। हमारी भारतीय परंपरा को दुनिया स्वीकार कर रही है जो स्वच्छता से जुड़ी है।