नई दिल्ली : देश के चौथे सबसे बड़े निजी बैंक माने वाले YES बैंक की खस्ता हालत ने ग्राहकों की पेशानी पर बल ला दिए। लोग बैंक में जमा अपनी पूंजी को लेकर खासे परेशान है। हालांकि सरकार के साथ ही RBI ने भी लोगों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। साथ ही बैंक को बचाने के हरसंभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। आईए जानते हैं कि बैंक को बचाने के लिए सरकार, RBI और SBI क्या कदम उठा रहे हैं…
संकट में फंसे YES बैंक की मदद के लिए रिजर्व बैंक 5000 करोड़ रुपए का लोन दे सकता है। लोन पर ब्याज भी कम लिया जाएगा।
रिजर्व बैंक 30 दिन के भीतर ही इस बैंक के पुनर्गठन के काम को पूरा करेगा और प्रशासक के स्थान पर निदेशक मंडल नियुक्त किया जाएगा।
SBI संकटग्रस्त बैंक के 25 से 50 प्रतिशत तक शेयर ले सकता हैं।
SBI के चेयरमैन रजनीश कुमार ने भी कहा कि Yes Bank की दिक्कत बैंक विशेष से जुड़ी है और इसका पूरे बैकिंग क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।
बैंक के कर्मचारियों की नौकरी साल भर तक सुरक्षित रहेगी। जमाकर्ता और देयता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। निकासी के लिए निर्धारित सीमा अस्थायी है।
यस बैंक के ग्राहक अपने खाते से एक माह में सिर्फ 50 हजार रुपए निकाल सकेंगे। बैंक के डायरेक्टर बोर्ड को भी भंग कर दिया गया है।
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वित्तमंत्री ने भी बयान जारी कर कहा कि यह बैंक अगस्त 2017 से रिजर्व बैंक की निगरानी में था और हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बैंक पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है।
यस बैंक के लिए RBI ने किया री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान। ये प्लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा। रिजर्व बैंक ने इस प्लान में बैंक के शेयर होल्डर, जमाकर्ता और निवेशकों से सुझाव भी मांगे हैं।