प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में सोमवार को जर्मनी पहुंचे, जहां वह जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. इसके अलावा भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श कार्यक्रम की सह अध्यक्षता करेंगे. जर्मनी में भारतीयों ने पीएम मोदी का शानदार स्वागत किया, यहां पर पीएम मोदी ने बच्चों की पेंटिंग्स पर साइन किए. पीएम मोदी का यूरोप का दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों और विकल्पों का सामना कर रहा है. सभी देश भारत के यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहते हैं.
भारत-जर्मनी के रिश्ते होंगे मजबूत
यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ वार्ता करेंगे और दोनों नेता छठी भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे. इस दौरान दोनों नेता विस्तृत द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने पर बात करेंगे.
जर्मन कंपनियां भारत में बढ़ाएंगी निवेश
मोदी ने बर्लिन पहुंचने पर ट्वीट किया, ‘बर्लिन पहुंच गया. आज मैं चांसलर ओलाफ शॉल्ज से बातचीत करूंगा और कारोबारी दिग्गजों से मुलाकात करूंगा. मुझे पूरा विश्वास है कि इस यात्रा से भारत और जर्मनी के बीच मित्रता प्रगाढ़ होगी.’ कारोबारियों से पीएम मोदी की मुलाकात के बाद जर्मन कंपनियां भारत में निवेश बढ़ा सकती है. बता दें कि जर्मनी, भारत में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश करने वाला 7वां बड़ा देश है और वर्तमान समय में 1700 से अधिक जर्मन कंपनियां भारत में कारोबार कर रही हैं. साल 2021-22 की तीन तिमाही में जर्मनी ने भारत में 4,326 करोड़ रुपये का निवेश किया.
भारत-जर्मन कारोबार को देंगे नई ऊंचाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर एक बिजनेस इवेंट को भी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान भारत और जर्मनी के बीच कारोबारी रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. बता दें कि भारत जर्मनी से केमिकल्स, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स, पेपर और प्रिंटिंग मटीरियल्स इम्पोर्ट करता है, जबकि जर्मनी को फूड एंड बेवरेजेज, मशीनरी, दवाएं, टेक्सटाइल्स, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण और रबर प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट करता है.
फ्रांस से रक्षा-व्यापार पर जोर
पीएम मोदी का फ्रांस दौरे के दौरान मेन फोकस रक्षा सहयोग और व्यापार पर रहेगा. फ्रांस में पीएम मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे और रक्षा व सुरक्षा पर बातचीत करेंगे. बता दें कि रक्षा क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच रिश्ते काफी पुराने हैं. फ्रांस जगुआर और मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारत को देता रहा है. इसके अलावा उन्नत लड़ाकू विमान राफेल भी भारत के पास पहुंच चुका है.
भारत-फ्रांस बिजनेस को देंगे नई ऊंचाई
फ्रांस के साथ भारत के रणनीतिक और व्यापारिक कारोबार काफी अच्छे रहे हैं. इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद पीएम मोदी दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे. पीएम मोदी और मैक्रों कई बार मिल चुके हैं और दोनों के बीच बॉन्डिंग काफी अच्छी है. ऐसे में दोनों देश रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.
भारत में फ्रांस बढ़ाएगा निवेश
भारत और फ्रांस के बीच व्यापारिक रिश्ते काफी पुराने रहे हैं और पीएम मोदी की इस यात्रा से निवेश बढ़ने का अनुमान है. बता दें कि साल 2021-22 में भारत और फ्रांस के बीच 80320 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जबकि अप्रैल 2000 से दिसंबर 2021 के बीच फ्रांस ने भारत में करीब 62 हजार करोड़ रुपये निवेश किए हैं.
मजबूत होंगे भारत-डेनमार्क के रिश्ते
भारत के रिश्ते डेनमार्क के साथ बेहद करीबी रहे हैं और पीएम मोदी के इस दौरे के बाद भारत-डेनमार्क के रिश्ते और मजबूत होंगे. डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन ने भारत दौरे के दौरान पीएम मोदी को दूसरे नार्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था.
हरित सामरिक गठजोड़ पर होगी चर्चा
डेनमार्क में प्रधानमंत्री मोदी अपनी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ चर्चा करेंगे. इस बैठक में दोनों देशों के नेताओं को डेनमार्क के साथ भारत के ‘हरित सामरिक गठजोड़’ में हुई प्रगति की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा. इसके अलावा दोनों नेता द्विपक्षीय संबंध एवं अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.
भारत-डेनमार्क कारोबार पर होगी चर्चा
मोदी ने कहा, ‘मैं भारत डेनमार्क कारोबारी बैठक में हिस्सा लूंगा और भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भी संवाद करूंगा.’ कारोबारियों के साथ मुलाकात के बाद भारत में निवेश बढ़ने की संभावना है. बता दें कि 2021-22 में भारत और डेनमार्क के बीच 11428 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ है, जबकि अप्रैल 2000 से दिसंबर 2021 तक डेनमार्क ने भारत में 5318 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर पड़ेगा असर
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच हो रही पीएम मोदी की इस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है. पीएम मोदी अपनी कूटनीति के लिए जाने जाते हैं और देखना ये होगा कि इस दौरे से यूरोप के हालात पर क्या असर पड़ता है. पीएम मोदी जिन देशों की यात्रा पर पहुंचे हैं, उन सभी देशों ने सीधे तौर पर रूस के हमले का विरोध किया है.